मुजफ्फरपुर.19 सितंबर से मुजफ्फरपुर सहित राज्य भर में जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री करने, कराने वाले के साथ गवाह व पहचान के लिए नि:शुल्क बस की सेवा शुरू हुई है. जिले में 10 बसें चल रही हैं. इन बसों को तय रूट चार्ट के अनुसार सुबह-शाम चलाया जा रहा है. लेकिन, सरकार के इस सुविधा का लाभ जिस तरीके से लोगों को लेना चाहिए, वे नहीं ले पा रहे हैं. इसका नतीजा है कि प्रतिदिन एक बस के संचालन पर 6-8 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं और लोग सुविधा से वंचित हो रहे हैं.
डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार राकेश कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर शहरी रजिस्ट्री कार्यालय के अलावा चार अन्य मुफस्सिल कार्यालय (पारू, कटरा, मोतीपुर व सकरा) में दो-दो बसें उपलब्ध करायी गयी हैं. कटरा व पारू में सात सितंबर से ही बस की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन, जागरूकता के अभाव में लोग इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. रजिस्ट्री ऑफिस में प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की गयी है. ताकि, जो लोग रजिस्ट्री ऑफिस आयेंगे. वे अपने गांव जाकर अन्य लोगों को बता सकेंगे. अभी मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय के अलावा जिले के चार अन्य मुफस्सिल कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री करने व कराने वाले लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.
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निबंधन कार्यालयों में रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. इसका मकसद पक्षकारों का समय बचाने के साथ कार्यालय में अचानक आने वाली भीड़ से बचना है. कोरोना संक्रमण के दौरान विभाग ने यह सुविधा चालू की थी. अच्छा रिस्पांस मिलने पर इसे लागू ही कर दिया गया है. अब कोई पक्षकार निबंधन के लिए बुकिंग करेंगे तो उनके सामने बस सेवा का विकल्प भी आयेगा. वह अपने हिसाब से जो समय देंगे, उसी के अनुसार तय रूट पर एक निश्चित स्थान से उन्हें बस मिलेगी. यहां निबंधन कराने वाले पक्षकारों के लिए सीट सुनिश्चित होगी. जमीन या फ्लैट के एक निबंधन पर दोनों पक्षों को मिलाकर पांच से छह लोगों का औसत रखा गया है. निबंधन कार्यालय में काम हो जाने के बाद उन्हें बस से वापस उसी जगह छोड़ दिया जायेगा.