पटना. उत्तर प्रदेश में नये बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार अब बिहार में भागलपुर तक होगा. राज्य में इस एक्सप्रेस-वे से करीब छह जिले सीधे तौर पर जुड़ेंगे. चार और छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई बक्सर से भागलपुर तक करीब 350 किलोमीटर होगी. यह पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगी यानी इस सड़क का पटना से भागलपुर तक नये तरीके से निर्माण होगा. इससे पटना से भागलपुर जाना बेहद सुगम हो जायेगा और समय भी काफी कम लगेगा.
केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस एक्सप्रेसवे की फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार होनी है. यह एक्सप्रेस-वे भारतमाला फेज-2 में शामिल है. बक्सर से पटना तक फोरलेन सड़क पर आवागमन अगले साल शुरू हो जायेगा. इसकी निर्माण प्रक्रिया इस साल के अंत तक शुरू हो जायेगी.
सूत्रों के अनुसार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से करीब 17 किमी पूर्व में एनएच-31 पर स्थित गांव हैदरिया में समाप्त होता है. उस सड़क को बक्सर जिले तक कनेक्टिविटी देने के लिए करीब 17 किमी की लंबाई में एक एनएच का निर्माण होगा. सरकार से इसकी मंजूरी मिल चुकी है.
बक्सर से पटना तक इसकी लंबाई करीब 110 किमी होगी. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे को आरा रिंग रोड से जोड़ने के लिए 381 करोड़ की लागत से करीब 12 किमी लंबाई में कनेक्टिंग रोड बनायी जाएगी. साथ ही इस एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी राज्य में गंगा नदी पर बने अधिकतर पुलों से करने की योजना भी है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार भागलपुर तक होने के बाद दिल्ली तक आवागमन आसान हो जायेगा. फिलहाल यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के नौ शहरों से होकर गुजरता है. इसमें लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर शामिल हैं. इस एक्सप्रेस-वे की वजह से वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज जैसे जिलों को भी फायदा हो रहा है.