भागलपुर. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 24 अक्तूबर सोमवार को दीपावली मनायी जायेगी. हस्त-चित्रा नक्षत्र में वैधृति योग सुखद संयोग इस बार बन रहा है. जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल और मध्यरात्रि में स्थिर लग्न में उत्तम है. लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा बहुत जरूरी है. 24 अक्तूबर को दीपावली है.
इस साल दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. 27 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण लग रहा है. इससे पहले यह संयोग 1995 में बना था. मान्यता है कि ग्रहण लगने के समय को अशुभ माना जाता है, चाहे वह चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण. इसके साथ ही इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण दीपावली पर्व के ठीक एक दिन बाद यानी 25 अक्तूबर को पड़ेगा. सूर्य ग्रहण की तिथि व समय : 25 अक्तूबर 2022 को शाम 04:49 से 06:06 तक. सूर्य ग्रहण की समय अवधि : 01 घंटे 17 मिनट. पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि यह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा. इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में नहीं लगेगा.
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कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ : 24 अक्तूबर 2022, शाम 05.27
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कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त : 25 अक्तूबर 2022, शाम 04.18
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लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त (शाम) 07.02 शाम – 08.23 शाम (24 अक्तूबर 2022)
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लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त (मध्यरात्रि) – 24 अक्तूबर 2022, 11.46 रात – 25 अक्तूबर 12.37 दिन
वहीं , बता दें कि Surya Grahan 2022: दिवाली से एक दिन पहले शनिदेव मार्गी हो गये है. वहीं, दिवाली के एक दिन बाद सूर्य ग्रहण लगेगा. इसका सही और बुरा प्रभाव लोगों के राशियों के साथ-साथ प्राकृतिक चीजों पर पड़ेगा. शनि का मार्गी होना भारतीय ज्योतिष में कई राशियों को फायदा होगा, तथा कई राशि को नुकसान पहुचायेगा. शनि 23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को अपनी राशि मकर में मार्गी होंगे. शनि के मार्गी होने से शनि देव के मार्गी होने से सभी राशि के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा. कुछ राशि के लिए शनि की ये चाल शुभ नहीं होगी. वहीं कुछ राशि के लोगों की भाग्योदय के साथ आर्थिक बढ़ोतरी हो सकती है.