PM नरेंद्र मोदी के एक आह्वान पर बदली ‘मिट्टी के जादूगरों’ की किस्मत, चाक ने पकड़ी दोगुनी रफ्तार

Diwali 2022: मिट्टी के दीप बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि बीते दो साल से मिट्टी के बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ी हुई है. जिस वजह से उनकी खुशियां दोबारा लौट आयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2022 8:37 PM
an image

Diwali 2022: दीपावली और महा पर्व छठ के आगमन पर सुस्त पड़े कुम्हारों के चाक ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. मिट्टी के कारीगर दीपों के त्योहार को लेकर तेजी से दीये व मिट्टी के अन्य बर्तन बना रहे हैं. राजधानी पटना की बात करें तो शहर के चौक-चौराहें पर मिट्टी के दीपों की दुकानें सजने लगी है. लोग बड़ी संख्या में चीनी उत्पादों का परित्याग कर…मिट्टी से बने बर्तन और दीपों का उपयोग कर रहे हैं. जिस वजह से कुम्हारों के घर में एक बार फिर से खुशियां और रौनक लौट आयी है.

बढ़ी मांग…लौटी रौनक

मिट्टी के दीप बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि बीते दो साल से मिट्टी के बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ी हुई है. जिस वजह से उनकी खुशियां दोबारा लौट आयी है. कई कुम्हारों ने पूछे जाने पर बताया कि दुर्गा पूजा के पहले उनका काम मंदा पड़ गया था. लेकिन नवरात्र में मिट्टी के बने बर्तनों की मांग व दीपावली छठ को लेकर बाजार में रौनक बढ़ी हुई है.

Pm नरेंद्र मोदी के एक आह्वान पर बदली 'मिट्टी के जादूगरों' की किस्मत, चाक ने पकड़ी दोगुनी रफ्तार 2
पूरे परिवार के साथ काम में जुटे हैं मिट्टी के जादूगर

कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों की मांग पर्व, त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है. खासकर दीपावली से लेकर छठ तक मिट्टी के बर्तनों की मांग काफी रहती है. ऐसे में दिन रात एक कर मिट्टी के बर्तन को बनाने का कार्य किया जा रहा है. इस कार्य में कुम्हार तथा उनके पूरे परिवार के लोग बर्तन बनाने के साथ ही उन्हें सुखाने व आग में पकाने आदि का कार्य कर रहे हैं.

कोरोना काल में भी नहीं थमी चाक की रफ्तार 

पटना के फुलवारी शरीफ के आसपास कई कुम्हारों वर्षों से अपना पुश्तैनी काम करते आ रहे हैं. यहां पर पारंपरिक चाक पर काम दीया बना रहे कुम्हार राम चरण पंडित ने बताया कि ‘उनका यह पुश्तैनी काम है. वे अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर यह काम करते हैं. कोरोना काल से पहले चाइनीज उत्पादों के चलते उनको काफी नुकसान हुआ करता था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद से लोगों का मिट्टी के बने सामानों के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इस वजह से कोरोना काल में भी उनकी चाक की रफ्तार नहीं थमी थी.

वहीं, एक अन्य कुम्हार ने बताया कि जब से बाजार में लाइट का प्रचलन आया तब से कुछ बिक्री कम हो गयी लेकिन प्रधानमंत्री के आह्वान पर दीये और मिट्टी के अन्य सामान जैसे चाय के प्याला, मटन हांडी, लस्सी के ग्लास, चाय बनाने का हांडी के बिक्री बढ़ गई है. मिट्टी की दाम भी बढ़ी है लेकिन दीये का दाम नहीं बढ़ा. सरकार की ओर से भी किसी तरह की मदद नहीं मिलती है.

Exit mobile version