बिहार: आरा में गोबर के दीप से रौशन होगी दिवाली, यूटयूब देख कर निर्माण का आया था आइडिया, जानें खासियत

Diwali 2023: बिहार के भोजपुर जिले में कारीगर ने दिवाली के मौके पर गोबर से दीपक तैयार किया है. यह तरीका अपने आप में नया है. यूटयूब का वीडियो देखकर इस निर्माण कार्य का आइडिया आया था. इसके बाद उन्हो‍ंने इसे बनाया है. यह कई लोगों के रोजगार का साधन बन गया है.

By Sakshi Shiva | November 11, 2023 2:57 PM
an image

Diwali 2023: बिहार के भोजपुर जिले के आरा में दिवाली के मौके पर गोबर से दीपक बनाया जा रहा है. यह तरीका अपने आप में खास है.कारीगर को यूटयूब का वीडियो देखकर इस निर्माण कार्य का आइडिया आया था. इसके बाद उन्हो‍ंने इसे बनाया है. यह कई लोगों के रोजगार का साधन है. इस दिवाली कई लोग गोबर से बना दीपक जलाने वाले है. साथ ही पर्यावरण को शुद्ध करने में अपनी सहभागिता निभाएंगे. आरा में गोबर से बने दिए से घर और आंगन जगमग होगा. पर्यावरण के संरक्षण को लेकर इसे बनाया गया है. डेढ़ लाख गोबर के दीपक का निर्माण किया गया है. वहीं, इसकी कीमत भी सही है. इसके दाम मिट्टी के दीपक से भी कम है.


पर्यावरण के लिए अच्छा है यह दीप

नया और अलग हट कर काम करने वाले सुधीर कुमार ने बताया कि मिट्टी का दीया तो शुद्ध होता ही है, लेकिन गोबर से बने दीया में दीप जलाने पर पर्यावरण को और बल मिलेगा. इसलिए कुछ नया और पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए गोबर का दीया बनाया जा रहा है. इस कार्य में सुधीर कुमार के साथ उनकी पत्नी ज्योति और उनकी बेटी स्नेहा का भी खास योगदान है. सभी मिलकर इसको बनाते हैं. सुधीर के द्वारा दीया को ढांचा में लाया जाता है. बेटी स्नेहा के द्वारा कलाकारी कर इसे सौंदर्य दिया जाता है और पत्नी ज्योति इसे घर से बेचने का कार्य करती है.

Also Read: बिहार: छठ के मौके पर दिल्ली से मोतिहारी के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन, 10 ट्रेनों की सौगात, देखें शेड्यूल
कई राज्यों में ली ट्रेनिंग

सुधीर ने करीब एक साल पहले ही गोबर से कई प्रोडक्ट बनाने का कार्य शुरू किया है.आरा के जवाहर टोला के रहने वाले सुधीर कुमार को यूटयूब देख कर यह आइडिया आया था. इसके बाद इन्होंने इसका निर्माण शुरू किया था. उन्होंने सोचा कि क्यों नहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ काम किया जाए, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बचाया भी जा सके और कुछ कमाई भी हो जाये. फिर क्या था सुधीर ने मध्य के प्रदेश में सनसौर, गुजरात के भुज से गोबर से अलग अलग बनने वाली सामग्री का प्रशिक्षण लेकर अपने जिले में उसका व्यवसाय के रूप में कारोबार शुरू किया. बीते एक साल में ही उन्होंने गोबर से कई ऐसे प्रोडक्ट बनाकार बाजारों के साथ साथ ऑनलाइन के माध्यम से इसकी बिक्री कर रहे हैं. लेकिन, दीया पहली बार बनाया है.

Also Read: बिहार के वीरेंद्र ने जीता स्वर्ण पदक, नकद पुरस्कार सहित नौकरी, जानिए कैसे तोड़ा नेशनल रिकोर्ड
खेत में डालने से बढ़ेगी उर्वरक

सुधीर अपने गांव के दर्जनों पुरुष और लगभग 25 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार मुहैया करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस दीपावली वह जिले वासियों के लिए गोबर से बने दीये बनाया है. इससे वातावरण शुद्ध होगा ही साथ ही यह जलने के बाद डिकम्पोज भी किया जा सकेगा है. यह दीये इको फ्रेंडली हैं. इससे ना तो हाथ जलेगा ना ही यह गिरने के बाद मिट्टी के दिये कि तरह टूटेगा. उपयोग के बाद इसे नदी में फेंकने से नदी के तैरता देख इसे मछली भी अपना आहार बना सकती है. साथ ही आप इसे खेत या गमला में भी डाल सकते हैं, जिससे आपकी उर्वरक बढ़ेगी.

Also Read: बिहार: दिवाली से एक दिन पहले गड्ढे में पलटी स्कूल बस, कई घायल, स्पोर्ट्स मीट में शामिल होने जा रहे थे सभी
गांव की महिलाओं को मिला रोजगार

सुधीर ने बताया कि गांव के लगभग 25 महिलाओं को इससे जोड़ रोजगार दिया गया है. साथ ही दर्जनों पुरुष को वो अब तक प्रशिक्षण देकर गोबर से समान बनाने का प्रशिक्षण भी दे चुके है.. इस वर्ष करीब डेढ़ लाख छोटे बड़े दिये बनाया है. उन्होंने बताया कि छोटा दिया जहां 50 रूपए का 12 पीस है. वहीं, बड़ा दिया 40 रुपये का चार पीस है.

आरा से दीनानाथ मिश्रा की रिपोर्ट.

Also Read: बिहार के इस गांव में दिवाली पर होता है खास आयोजन, जलेंगे लाखों दीपक, दूर- दूर से दीपोत्सव देखने आते है लोग

Exit mobile version