बिहार के 5 जिलों के डीएम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित, कई अन्य अधिकारियों को भी मिला सम्मान
नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित भूमि सम्मान 2023 कार्यक्रम में बिहार के भोजपुर जिले के डीएम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया. डीएम राजकुमार को यह सम्मान डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्डस मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम में सीएस खतियान का शत प्रतिशत डिजिटलाइजेशन करने की वजह से मिला.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को बिहार के पांच जिलों को लैंड रिकॉड्र्स के डिजिटाइजेशन में बेहतर काम के लिए सम्मानित किया है. नालंदा, जहानाबाद, लखीसराय, भोजपुर और किशनगंज को मिला भूमि सम्मान से नवाजा गया. इन जिलों के डीएम के अलावा विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप सह सचिव जय सिंह और आइटी प्रबंधक आनंद शंकर शसम्मनित किये गये हैं.सम्मान समारोह का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया था. पुरस्कार के लिए नौ राज्यों के 68 जिलों का चयन किया गया था. इसमें बिहार के पांच जिले शामिल हैं.
एक पारदर्शी भू-प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के इस काम का कार्यान्वयन भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा कराया जा रहा है. निदेशालय से इस कार्यक्रम में प्रशाखा पदाधिकारी अंबु नाथ वर्मा, सहायक विजय साम्राज्य, संतोष कुमार और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी प्रवीण कुमार सहित सुधीर ओंकारा ने हिस्सा लिया.
बिहार में 100 रुपये की शुल्क पर हो रहा खानदानी संपत्ति बंटवारा
इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि खानदानी संपत्ति का बंटवारा आपसी सहमति से घर में आसानी से हो जाता है, लेकिन अधिक पैसा लगने की वजह से आमलोग इसे निबंधित नहीं करा पाते हैं. उल्लेखनीय है कि बिहार में काफी पहले ही बंटवारे को निबंधित करने की व्यवस्था लागू है और इसके लिए मात्र 100 रुपये का शुल्क देना पड़ता है. इसमें 50 रुपये का स्टाम्प ड्यूटी और 50 रुपये का रजिस्ट्रेशन फीस लगता है.
रोहतास जिले के नोखा के आनंद शंकर ने भी प्राप्त किया अवार्ड
रोहतास जिले के नोखा के रहने वाले आनंद शंकर पिछले 12 साल से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में आईटी प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. वे भी भूमि संसाधन विभाग, भारत सरकार द्वारा आयोजित भूमि सम्मान कार्यक्रम अंतर्गत बिहार राज्य को मिलने वाले अवार्ड को प्राप्त करने वाले पदाधिकारियों की टीम में शामिल हैं. यह अवार्ड विभाग को आईटी के क्षेत्र में किये गए बेहतरीन कार्यों के लिए मिला है.
राष्ट्रपति ने सभी डीएम को दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जमीन से जुड़े विवादों में एक बड़ी आबादी के उलझे रहने और अदालतों में इन मामलों में अधिक समय लगने का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण तथा सूचना सम्पर्क स्थापित करने की पहल से देश एवं संस्थानों की ऊर्जा अब विकास कार्य में लगेगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘भूमि सम्मान 2023’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भूमि सम्मान प्राप्त करने वाले सभी राज्यों और जिलों के अधिकारियों और उनके दल को मैं बधाई देती हूं. मैं आशा करती हूं कि इस सम्मान समारोह से अन्य राजस्व अधिकारियों को और अधिक लगन के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी तथा राजस्व प्रशासन के क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी.
68 जिलाधिकारियों को मिला भूमि सम्मान
राष्ट्रपति ने डिजिटल इंडिया भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम लागू करने में उपलब्धियों के लिए नौ राज्यों के सचिवों और 68 जिलाधिकारियों को भूमि सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि आज भी हमारे गांव की अधिकांश आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों से जुड़ी हुई है, ऐसे में एक व्यापक एवं एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली देश के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है.
डिजिटलीकरण से बढ़ी पारदर्शिता : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण को अपनाने से पारदर्शिता बढ़ती है और संबंधित व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सुविधा होती है. उन्होंने कहा कि इससे अनैतिक एवं गैर कानूनी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा तथा भूमि रिकार्ड का एक ही पोर्टल उपलब्ध होने से विभिन्न संगठनों और एजेंसियों को जानकारी साझा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भूमि रिकार्ड की विश्वसनीयता बढ़ने से लोग अधिक भरोसे के साथ क्रय-विक्रय की प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे.
देश की बहुत बड़ी आबादी जमीन विवाद में उलझी रहती है : द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम से जुड़े सभी लोग देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस अभियान का शत-प्रतिशत वित्त पोषण बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है. इस कार्यक्रम के सभी आयामों में प्रभावशाली प्रगति हुई है. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भूमि रिकार्ड से संबंधित जानकारी को नि:शुल्क और सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध कराने के बहुत से फायदे होंगे, उदाहरण के लिए भूमि के स्वामित्व और उपयोग से जुड़े विवादों का समाधान करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि जमीन से जुड़े विवादों में हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी उलझी रहती है तथा प्रशासन एवं न्यायपालिका का बहुत अधिक समय इन मामलों में लग जाता है.