सीतामढ़ी: आग या आपदा से हुई नुकसान का 24 घंटे में मिलेगा भुगतान, डीएम ने बाढ़ व सुखाड़ की तैयारियों का लिया जायजा
डीएम ने राहत शिविर, प्लास्टिक शीट्स, खाद सामग्री, मानव दवा, आश्रय स्थल, पशु चारा व दवा, बाढ़ नियंत्रण, फ्लड फाइटिंग, प्रशिक्षित गोताखोर, वर्षा मापक यंत्र, तटबन्धों की सुरक्षा, लाइफ जैकेट, सामुदायिक रसोई मोटर बोट, शुद्ध पेयजल, महाजाल, राहत व बचाव दलों की उपलब्धता पर संबंधित अधिकारियों से विमर्श किया.
सीतामढ़ी: संभावित बाढ़ व सुखाड़ को लेकर समाहरणालय में सोमवार को डीएम मनेश कुमार मीणा ने आपदा प्रबंधन की बैठक कर जिले में अबतक किये गये तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने राहत शिविर, प्लास्टिक शीट्स, खाद सामग्री, मानव दवा, आश्रय स्थल, पशु चारा व दवा, बाढ़ नियंत्रण, फ्लड फाइटिंग, प्रशिक्षित गोताखोर, वर्षा मापक यंत्र, तटबन्धों की सुरक्षा, लाइफ जैकेट, सामुदायिक रसोई मोटर बोट, शुद्ध पेयजल, महाजाल, राहत व बचाव दलों की उपलब्धता, आकस्मिक कृषि प्लान पर संबंधित अधिकारियों से विमर्श किया. संभावित बाढ़ व सुखाड़ को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा आवंटित किए गए कार्यों का निष्पादन कर्तव्य निष्ठा व समय सीमा के अंदर करने का निर्देश दिया.
बजीआर पोर्टल को प्रतिदिन करना है अपडेट
समीक्षा के क्रम में प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन ने बताया कि जिला स्तर पर पॉलिथीन सीट 40230 व अंचल स्तर पर 20320 पॉलिथीन सीट उपलब्ध है. डीएम ने पॉलिथीन सीट्स भंडारण का निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. बाढ़ के समय में जीआर वितरण से संबंधित संपूर्ति पोर्टल पर लाभुकों की संख्या अद्धतन करने का निर्देश दिया. उन्होंने सभी सीओ को निर्देशित किया कि संपूर्ति पोर्टल पर डेटा को अद्यतन कर उसे प्रतिदिन अपडेट करना सुनिश्चित करें.
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24 घंटे के अंदर भुगतान का निर्देश
बैठक में अग्निकांड सहित विभिन्न आपदा से हुई क्षति का समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि आपदा से हुई क्षति का नियमानुसार भुगतान करने में कोताही न बरती जाए व 24 घंटे के अंदर उक्त मामलों का निष्पादन करना सुनिश्चित करें. यदि ससमय शीघ्र भुगतान नहीं होता है तो संबंधित सीओ का वेतन अवरुद्ध रखा जाये. उन्होंने कहा कि नाव व नाविकों का पुराना बकाया भुगतान किसी भी सूरत में लंबित नहीं रहना चाहिए. निजी नाव के साथ एकरारनामा व नावों की मरम्मत शीघ्र कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक टोले में नाव की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. बाढ़ प्रभावित पंचायतों में विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है. नाव की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के मद्देनजर सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ बैठक करना सुनिश्चित करें व उनका सहयोग ले. उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपदा के मामलों में किसी भी तरह का भुगतान लंबित न रहे यह सुनिश्चित किया जाए. डीएम ने कहा कि नाव व नाविकों को शीघ्र संबंधित घाटों के साथ टैग करना सुनिश्चित करें व उनके सुपरविजन करने के लिए हल्का कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित किया जाए.
शहर के नालों की जांच के लिए कमेटी गठित
नलकूप विभाग के समीक्षा में बताया गया कि 203 नलकूप चालू अवस्था में है. कुछ नलकूप यांत्रिक दोष व विद्युत दोष के कारण चालू नहीं हो सका है. बैठक में इसके अतिरिक्त चापाकलों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई. खराब पड़े चापाकलो को दुरस्त करने का सख्त निर्देश दिया गया. बैठक में शहर के नालों की स्थिति की जांच के लिए जिला स्तरीय जांच दल गठित करने का निर्देश दिया गया. नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि बरसात से पहले जलजमाव से निपटने की को लेकर अभी से ही प्लानिंग बना कर उसे अमलीजामा पहनाना सुनिश्चित किया जाए. पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता के द्वारा बताया गया कि 1952 चापाकल चालू अवस्था में है. इसके लिए 34 टीमें काम कर रही है. डीएम ने चालू चापाकल की अद्यतन स्थिति की जानकारी की जांच करने का निर्देश जिला स्तर के पदाधिकारियों को दिया.वही सभी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि जिन वार्डों में नल जल की समस्या है वहां 24 घंटे के अंदर समस्या को दूर करें. ऐसा करने में विफल होते हैं तो बीपीआरओ पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. बैठक में डीडीसी डॉ प्रीती, डीएलएओ विकास कुमार, डीटीओ रविंद्र नाथ गुप्ता व डीपीआरओ कमल सिंह समेत अन्य अधिकारी शामिल थे.