दरभंगा. करीब 300 एकड़ में फैले DMCH का नया परिसर करीब 75 एकड़ में सिमट जायेगा. शेष 200 एकड़ जमीन बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण के लिए दी जा चुकी है. दरभंगा एम्स, डीएमसीएच से 200 एकड़ जमीन लेकर बनाया जायेगा. इस प्रकार एम्स और डीएमसीएच दोनों के अलग – अलग कैंपस होंगे.
इसके निर्धारण को लेकर जिला प्रशासन अस्पताल प्रशासन और अभियंताओं के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं. इस संदर्भ में डीएमसीएच अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा है कि 200 एकड़ जमीन एम्स को देने के बाद जो शेष 75 एकड़ जमीन बची है, उसमें कई जगहों पर अतिक्रमण है. इसे भी खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
इसको लेकर जिला प्रशासन ने सदर सीओ और अंचल अमीन के साथ जमीन के नक्शे को लेकर बैठक की है. अधीक्षक ने कहा बताया कि पटना की एक एजेंसी इसी महीने दरभंगा आएगी और डीएमसीएच के नये भवन के निर्माण का नक्शा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से सुसज्जित डीएमसीएच का नया भवन 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा.
मालूम हो कि मिथिला नरेश महाराजा रमेश्वर सिंह ने कुल 275 एकड़ जमीन देकर डीएमसीएच की स्थापना की थी. दरभंगा एम्स को डीएमसीएच की 200 एकड़ जमीन पर बनाया जाना है. जिसका भूमि हस्तांतरण बिहार सरकार ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को कर दिया है. केंद्र सरकार पहले ही एम्स के लिए बजट स्वीकृत कर चुकी है. अब जल्द ही जमीन पर मिट्टी भराई का काम शुरू हो जायेगा. उसके बाद भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.
Posted by Ashish Jha