DMCH News: महज 27 एकड़ भूमि में सिमट कर रह जायेगा डीएमसीएच ! जानें क्या है मामला
डीएमसीएच (DMCH) की भूमि का सींमाकन नहीं हुआ है. वास्तव में इसके हिस्से में कितनी एकड़ जमीन है, स्पष्ट नहीं है. वैसे दूसरी ओर बताया जा रहा है कि डीएमसीएच को 27 एकड़ भूमि दी गयी है, लेकिन इसमें से कई एकड़ जमीन पर नर्सिंग की बिल्डिंग, विश्रामसदन बने हैं. वहीं कुछ हिस्सा लोगों ने कैप्चर कर रखा है.
दरभंगा: डीएमसीएच परिसर में एम्स निर्माण को लेकर गतिविधियां चल रही है. मिट्टीकरण का कार्य चल रहा है. इसके साथ ही डीएमसीएच के गौरवमयी इतिहास को बचाने के लिए जद्दोजहद भी चल रही है. लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि कहीं मात्र 27 एकड़ भूमि में तो डीएमसीएच सिमट कर नहीं रह जायेगा. आमजन के मन में संशय की स्थिति बन गयी है कि 23 फरवरी 1925 को स्थापित मेडिकल कॉलेज टेंपल मेडिकल स्कूल की अस्मिता बच पायेगी या नहीं.
भूमि का नहीं हुआ है सीमांकन
बता दें कि अभी तक डीएमसीएच की भूमि का सींमाकन नहीं हुआ है. वास्तव में इसके हिस्से में कितनी एकड़ जमीन है, स्पष्ट नहीं है. वैसे दूसरी ओर बताया जा रहा है कि डीएमसीएच को 27 एकड़ भूमि दी गयी है, लेकिन इसमें से कई एकड़ जमीन पर नर्सिंग की बिल्डिंग, विश्रामसदन बने हैं. वहीं कुछ हिस्सा लोगों ने कैप्चर कर रखा है. ऐसे में डीएमसीएच के लिए 25 एकड़ से भी कम जमीन बच जाती है. लिहाजा इस स्थिति में एनएमसी के मानक पर डीएमसीएच खरा नहीं उतर पायेगा. मालूम हो कि किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ भूमि का होना आवश्यक है.जब तक डीएमसीएच व एम्स की भूमि का सीमांकन नहीं होगा, तब तक इस मामले में ऊहापोह बनी ही रहेगी.
कागज पर अभी केवल 27 एकड़ भूमि
बीते साल 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने डीएमसीएच की गरिमा को बचाकर रखते हुए एम्स निर्माण की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने एम्स के लिए प्रस्तावित दो सौ एकड़ जमीन में से 50 एकड़ डीएमसीएच को देने की बात कही थी. डीएमसीएच के पास कुल 77 एकड़ भूमि का आश्वासन दिया था, लेकिन कई माह बीतने के बावजूद इस पर अमल नहीं हो सका है. कागज पर अभी भी पूर्व की स्थिति बनी हुई है, जिसमें डीएमसीएच के लिए केवल 27 एकड़ जमीन ही दिख रही है.
पूर्व में डीएमसीएच की जमीन 227 एकड़ थी
गौरतलब है कि पूर्व में डीएमसीएच की जमीन 227 एकड़ थी. इसमें से एम्स के लिए दो सौ एकड़ जमीन दे दी गयी थी. डीएमसीएच के लिए केवल 27 एकड़ जमीन शेष रह गयी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद डीएमसीएच को दिये जाने वाला 50 एकड़ भूमि का हस्तांतरण अभी भी अधर में है.
एम्स को लेकर हाइकोर्ट में सुनवाई
बता दें कि हाइकोर्ट ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के लिए अधिग्रृहित व चिह्नित भूमि प्रदान करने को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के समक्ष अभ्यावेदन दायर करने का आदेश दिया है.
जनहित याचिका की की गई थी दायर
जनहित याचिका विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने दायर की थी. जनहित याचिका में यह कहा गया है कि यदि जनहित में ऐसा करना संभव नहीं हो, तो कम से कम दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की 227 एकड़ भूमि में 50 एकड़ भूमि दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के नियंत्रण में रखे जाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इस जनहित याचिका के जरिये दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के भवन की स्थिति व बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया था.