पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार दोपहर कैबिनेट की बैठक की. उन्होंने इस बैठक में 11 एजेंडों पर मुहर लगाया. बिहार सरकार ने मधुबनी के पूर्व जज अशोक कुमार सेवा से बर्खास्त कर दिया है. बिहार सरकार ने दरभंगावासियों को तोहफ दिया गया है. दरभंगा एम्स के लिए जमीन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है. बिहार कैबिनेट में पुलिस से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला मुजफ्फरपुर और भागलपुर क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के तहत DNA प्रशाखा को लेकर भी लिया.
बिहार पुलिस में प्रमोशनल ट्रेनिंग कोर्स कर चुके सिपाही रैंक वालों को भी अब पुलिस अधिकारियों की तर्ज पर अनुसंधान की शक्ति दी जाएगी. मतलब वह भी अब केस के आयोग की भूमिका निभा सकेंगे. इस तरह का प्रावधान अन्य राज्यों में पहले से लागू है. वहीं सरकार ने यौन शोषण के मामलों की जांच के लिए क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला मुजफ्फरपुर और भागलपुर में डीएनए प्रशाखा की एक-एक यूनिट स्थापित करने के लिए राजपत्रित और अराजपत्रित कोटि के 14 पदों के सृजन की मंजूरी दी है. यौन शोषण से संबंधित अपराध मृतक की पहचान स्थापित करने के लिए बच्चों की चोरी या अदला-बदली जैसे केस में डीएनए लैब की जरूरत पड़ती है, इसके अलावा माता पिता की पुष्टि करने के लिए भी कानून को डीएनए लैब की रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता है.
जबकि नीतीश सरकार ने मधुबनी के तत्कालीन एसीजेएम अशोक कुमार-2 को गंभीर कदाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है. साथ ही बिहार सरकार ने मोटरयान अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मजूरी दी है. वहीं सरकार ने भामाशाह की जयंती राजकीय समरोह के तौर पर हर साल 29 अप्रैल को मानने का फैसला लिया है. एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने दरभंगा एम्स से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए तीन अरब से ज्यादा की राशि खर्च के लिए प्रशासनिक स्वीकृति को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा बिहार सरकार राज्य प्रोटोकॉल संवर्ग के विभिन्न कोटि के 15 पदों के सृजन एवं बिहार प्रोटोकॉल संवर्ग नियमावली, 2023 को स्वीकृति दी है.