बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए अब सभी जिला अस्पतालों में डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की पढ़ायी शुरू की जाएगी. इसके लिए डीएनबी ने राज्य सरकार को कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी है. जिसके तहत अब हर जिला अस्पताल में अलग-अलग विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट के समकक्ष कोर्स आरंभ किए जाएंगे. इसकी तैयारी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के प्रभारियों को प्रशिक्षण भी दिया है. इसके साथ ही जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के तहत सभी जिला अस्पतालों में तीन माह के लिए पीजी डॉक्टरों को भी भेजा जाएगा.
डीएनबी द्वारा इन अस्पतालों में दिया जाएगा इस कोर्स में प्रशिक्षण
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बक्सर जिला अस्पताल में शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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रोहतास जिला अस्पताल में शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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बांका व जमुई जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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भागलपुर जिला अस्पताल में जनरल मेडिसीन कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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समस्तीपुर जिला अस्पताल में शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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नालंदा जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग व शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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भोजपुर जिला अस्पताल में एनेस्थेसिया, जनरल सर्जरी और शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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बेगूसराय जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति, एनेस्थेसिया और शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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लखीसराय जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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वैशाली जिला अस्पताल में नेत्र रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल में शिशु रोग व महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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मधुबनी जिला अस्पताल में शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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सीतामढ़ी जिला अस्पताल में एनेस्थेसिया व जनरल सर्जरी कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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सुपौल जिला अस्पताल में शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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गोपालगंज जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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सहरसा जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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गुरुगोविंद सिंह जिला अस्पताल पटना में शिशु, महिला एवं प्रसूति व नेत्र रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल पटना में न्यूरोलॉजी कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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जहानाबाद में महिला एवं प्रसूति और शिशु रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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मुंगेर में जनरल मेडिसिन कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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मधेपुरा जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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अरवल जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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किशनगंज जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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अररिया जिला अस्पताल में महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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शिवहर में जनरल सर्जरी, महिला एवं प्रसूति रोग कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
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गया जिला अस्पताल में एनेस्थेसिया कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा कोर्स में प्रशिक्षण दिया जायेगा
क्या होता है डीएनबी कोर्स
डीएनबी कोर्स तीन वर्ष का होता है. यह पीजी के एमडी व एमएस के समकक्ष होता है. एमडी और एमएस कोर्स में एमबीबीएस के बाद नीट पीजी की परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाता है. वहीं, डीएनबी कोर्स में छात्रों का चयन एमबीबीएस के बाद डीएनबी द्वारा किया जाता है. तीन वर्षों का कोर्स पूरा करने के बाद बोर्ड की ओर से एक परीक्षा आयोजित की जाती है. जिसमें सफल होने वाले छात्र-छात्राओं को यह डिग्री दी जाती है.
तीन महीने के लिए जिला अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे पीजी डॉक्टर
इसके साथ ही राज्य के सभी जिला अस्पतालों में जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की तैनाती जल्द की जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों को तीन माह के लिए 100 बेड के जिला अस्पतालों के अलावा होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशी नगर पटना, राजेंद्र नगर सुपरस्पेशलिटी नेत्र अस्पताल पटना और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना में तैनाती की जायेगी.
राज्य स्तरीय कमेटी का किया गया गठन
जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम को संचालित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के तहत पीजी डाक्टरों की जिला में सरकारी गेस्ट हाउस में रहने की व्यवस्था होगी. जहां पर गेस्ट हाउस उपलब्ध नहीं है वहां पर जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम समन्वयक जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से किराये के मकान में ठहरने की व्यवस्था करेंगे. साथ ही ऐसे चिकित्सकों के आवागमन की सुविधा दी जायेगी, सुरक्षा खासकर महिला चिकित्सकों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था होगी . जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला रेजिडेंटों की छुट्टी स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकार होंगे.