लोगों की इन आदतों से अब तक 45 करोड़ रुपये के नोट हुए बर्बाद, अब बैंक कर रही ये अपील

कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लोग मार्केट से लौटने के बाद नोटों को सैनिटाइज कर रहे हैं. इसके कारण नोटों का रंग कुछ दिन बाद हल्‍का पड़ जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 4, 2021 12:30 PM

पटना. कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लोग मार्केट से लौटने के बाद नोटों को सैनिटाइज कर रहे हैं. इसके कारण नोटों का रंग कुछ दिन बाद हल्‍का पड़ जा रहा है. दुकानदार या बैंक ऐसे नोटों को लेने से इन्कार कर रहे हैं. इस तरह की परेशानी धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है.

बाजार विशेषज्ञों की मानें तो बाजार खुलने के बाद इनकी संख्‍या में और ही इजाफा होगा. खासकर अल्‍कोहल बेस्‍ड सैनिटाइजर का प्रयोग नोटों पर करने से नोटों का रंग हल्‍का हो जा रहा है. इतना ही नहीं कुछ लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नोटों को साबुन से भी धो रहे हैं.

45 करोड़ रुपये के नोट डिस्पोज करने पड़े

रिजर्व बैंक के अधिकारि‍यों के अनुसार इस कोरोना काल में जितने नोट खराब हुए हैं, इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है. एक आंकड़े पर नजर डालें, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 में दो हजार रुपये के केवल छह लाख नोट डिस्‍पोज किये गये थे, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 45 करोड़ रुपये के नोट डिस्‍पोज करने पड़े.

इस साल सबसे अधिक नोट दौ सौ और पांच सौ के खराब हुए हैं. रिजर्व बैंक के अधिकारियों को कहना है कि‍ नोटों पर सैनिटाइजर को प्रयोग नहीं करें ओर न ही नोटों को साबुन से धोएं, क्‍योंकि इनके प्रयोग के बाद रंग उड़ने की शिकायत मिल रही है. अधिक रंग उड़े नोटों को दुकानदार या बैंक स्‍वीकार नहीं कर सकते हैं. इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version