मुंगेर. सदर अस्पताल के लिए चिकित्सकों की कमी पहले से ही एक बड़ी परेशानी है, लेकिन इस बीच जहां अब तीन चिकित्सक डेंगू संक्रमित होने के कारण अवकाश पर चले गये हैं. वहीं एक चिकित्सक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इससे डेंगू संक्रमण और मौसमी बीमारियों के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ चिकित्सकों की कमी और परेशानी उत्पन्न कर रही है. इमरजेंसी वार्ड से लेकर आईसीयू, ओपीडी एवं पुरुष-महिला वार्ड का समुचित संचालन मुश्किल भरा होता जा रहा है.
सदर अस्पताल प्रबंधन के लिये परेशानी बढ़ गयी
सदर अस्पताल के तीन चिकित्सक डॉ रामप्रवेश, डॉ सानू और डॉ रूपेश डेंगू संक्रमित होने के कारण अवकाश पर चले गये हैं. जबकि बीते दिनों ही सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झौवा बहियार के चिकित्सक डॉ मनीशंकर की प्रतिनियुक्ति सदर अस्पताल में डॉ कन्हैया के पीजी कोर्स के लिए चले जाने पर की गयी थी, लेकिन प्रतिनियुक्ति के एक सप्ताह बाद ही डॉ मनीशंकर द्वारा इस्तीफा दे दिया गया. इसके कारण अब एक साथ चार चिकित्सकों के नहीं होने से सदर अस्पताल प्रबंधन के लिये परेशानी बढ़ गयी है. रोगियों के ईलाज पर संकट उत्पन्न हो रहा है.
मात्र 20 चिकित्सकों के भरोसे सदर अस्पताल
हाल के दिनों में जहां मंडलकारा मुंगेर सहित प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल में बने डेंगू वार्ड की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन पर बढ़ी है. वहीं अतिरिक्त सदर अस्पताल प्रबंधन पर प्रसव केंद्र, महिला ओपीडी, जीओपीडी, इमरजेंसी, आईसीयू, एसएनसीयू, चाइल्ड वार्ड, एनआरसी आदि की जिम्मेदारी है. जिसके लिये पहले अस्पताल में कुल 24 चिकित्सक थे. लेकिन तीन चिकित्सकों के डेंगू संक्रमित होने और एक चिकित्सक के इस्तीफा दिये जाने के बाद अब अस्पताल में मात्र 20 चिकित्सक रह गये हैं. इनके कंधों पर ही अस्पताल के सभी वार्डों की जिम्मेदारी तीन शिफ्ट में हैं. यह हाल तब है, जब चिकित्सकों की कमी के कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा पहले से ही एक चिकित्सक को दो-दो वार्डों की जिम्मेदारी उनकी ड्यूटी के दौरान दी जा रही है. ऐसे में चिकित्सकों की एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन के लिये बड़ी परेशानी है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि तीन चिकित्सक डॉ रामप्रवेश, डॉ सानू और डॉ रूपेश डेंगू पीड़ित हो गये हैं. जबकि एक प्रतिनियुक्ति पर आये चिकित्सक डॉ मनीशंकर द्वारा इस्तीफा दे दिया गया है. इसके कारण चिकित्सकों की कमी हो गयी है. किसी प्रकार चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है.