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टेलीमेडिसिन सेवा देने में बिहार में पहले स्थान पर था भागलपुर, अब डॉक्टर साहेब मरीजों का फोन ही नहीं उठाते

टेलीमेडिसिन सेवा देने में सूबे में भागलपुर पहले स्थान पर था. हालांकि चिकित्सकों की कमी से टेलीमेडिसिन सेवा देने में जिला भी पीछे हो गया है. सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया कि इस सेवा को लेकर सख्त आदेश दिया गया है.

भागलपुर: सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की काफी कमी है. जो कार्यरत हैं, उन पर भी लापरवाही का आरोप लगता रहा है. इसका सीधा असर टेलीमेडिसिन सेवा पर पड़ा है. इस सेवा के लिए बिहार का स्थान देश में छठा था, वह फिसल कर आठवें स्थान पर आ गया है.

लापरवाही से नाराज मुख्यालय ने नया आदेश जारी किया है. स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि अब चिकित्सा पदाधिकारी एवं डॉक्टर जहां रहेंगे वहीं से टेलीमेडिसिन सेवा मरीज को देंगे.

कार्य स्थल से चिकित्सक जुटेंगे टेलीमेडिसिन सेवा से

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सीएस डॉ उमेश शर्मा को आदेश दिया है. कहा गया है कि चिकित्सा पदाधिकारी अपने कार्य स्थल से ही टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान करेंगे. सूबे में चिकित्सा पदाधिकारियों की संख्या कम है. वहीं इस सेवा को प्रदान करने के लिए कार्य योजना नहीं बनायी गयी है. इससे चिकित्सा पदाधिकारियों का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है.

टेलीमेडिसिन सेवा को लेकर गंभीर होने का दिया आदेश

टेलीमेडिसिन सेवा देने में सूबे में भागलपुर पहले स्थान पर था. हालांकि चिकित्सकों की कमी से टेलीमेडिसिन सेवा देने में जिला भी पीछे हो गया है. सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया कि इस सेवा को लेकर सख्त आदेश दिया गया है.

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