बिहार होकर गुजरेगी डबल डेकर ट्रेन, जानिये किस रूट पर दो तल्ला ट्रेन चलाने का है प्रस्ताव
रेल मंत्रालय को भेजे गये प्रस्ताव के अनुसार डबल डेकर ट्रेन के नीचले तल्ले पर माल ढुलाई और ऊपरी तल्ले पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी.
पटना. रेलवे बिहार में जल्द ही डबल डेकर ट्रेन चलायेगी. पूर्व मध्य रेलवे और ईस्टर्न रेलवे ने रेलवे बोर्ड को यह प्रस्ताव भेजा है. रेल बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद पहली खेप में एक-एक नई रैक बिहार और पश्चिम बंगाल को मिलेगी. रेल मंत्रालय को भेजे गये प्रस्ताव के अनुसार डबल डेकर ट्रेन के नीचले तल्ले पर माल ढुलाई और ऊपरी तल्ले पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी.
इस रूट पर ट्रेन चलाने का है प्रस्ताव
दिल्ली से हावड़ा के बीच डबल डेकर ट्रेन चलाने की कवायद शुरू की गयी है. पूर्व मध्य रेलवे ने पटना, बरौनी, कटिहार के रास्ते और पटना, किऊल के रास्ते डबल डेकर ट्रेन चलाने का रूट निर्धारित किया है. वहीं, पूर्व रेलवे कोलकाता ने कम ऊंचाई वाली डबल डेकर ट्रेन की मांग की है. जिससे माल ढुलाई और यात्री की सुविधा हो.
पूर्व मध्य रेलवे के पीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि डबल डेकर ट्रेन का परिचालन दिल्ली से हावड़ा तक करने के लिए विचार किया जा रहा है. अभी डबल डेकर का प्रस्ताव रेलवे के वरीय अधिकारियों को भेजा गया है. वहां से अनुमति मिलने के बाद ईसीआर और ईआर रेलखंडों को डबल डेकर ट्रेन के परिचालन लायक बनाना होगा. उससे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा.
शताब्दी ट्रेन से कम होगा किराया
इस ट्रेन का किराया शताब्दी ट्रेन से कम होगा. वहीं, यह डबल डेकर ट्रेन को पटना से दिल्ली पहुंचने में आठ घंटे लगेंगे. फिलहाल तेजस ट्रेन को लखनऊ से दिल्ली पहुंचने में 6.5 घंटे समय लगता है. ट्रेन में कई अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. इसमें यात्रियों के एंट्री के लिए ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर्स और बैट्री होगी. आधुनिक सस्पेंशन सिस्टम की वजह से यात्री सुरक्षा सामान्य ट्रेनों से कहीं बेहतर होगा.
ट्रेन की एक बोगी में नीचे में 48 सीट रहेगी. ऊपर वाली बोगी में 50 सीट होगी. इन सीटों को आगे-पीछे किया जा सकता है. इस ट्रेन में एसी स्क्रीन देखने को मिली है. इसके माध्यम से आगे अगले स्टेशन और दूरी के बारे में पता लगाया जा सकता है. इस ट्रेन का नाम सेमी हाई स्पीड डबल डेकर नाम रखा गया है. धनबाद से हावड़ा के लिए डबल डेकर ट्रेन चलायी गयी थी, लेकिन घाटे के कारण उसे बंद करना पड़ा था.