पटना. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि गंडक नदी के तटबंध की मरम्मत, पुनर्स्थापन, सुदृढ़ीकरण और कटाव निरोधक आदि कार्यों की डीपीआर बना ली गयी है. करीब 300 करोड़ से अधिक की योजना है.
जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, भारत सरकार से मंजूरी को डीपीआर गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को सौंप दिया गया है. केंद्र से तकनीकी प्रस्ताव मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा.
जल संसाधन मंत्री शुक्रवार को विधानसभा में जनक सिंह, राम प्रवेश राय, कृष्ण कुमार मंटू, डाॅ सीएन गुप्ता के सारण और गोपालगंज में बाढ़ आदि को लेकर लाये गये ध्यानाकर्षण पर उत्तर दे थे. मंत्री ने बताया कि गोपालगंज एवं सारण जिलाें में पड़ने वाले दायें तट पर निर्मित सारण तटबंध, छरकियां, जमींदारी बांध, रिटायर्ड लाइन पर 211.21 करोड़ से 32 कार्य, 15 मई, 2021 तक पूर्ण करने की योजना हैं.
सुदृढ़ीकरण और बोल्डर पिचिंग कार्य की डीपीआर तैयार है. गोपालगंज जिलांतर्गत सारण तटबंध की लंबाई 72 किमी है . लंबा प्रभाग होने के कारण बोल्डर पिचिंग एवं पक्कीकरण का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा.
सारण तटबंध के विभिन्न जगह करीब 38 किमी की लंबाई में सुदृढ़ीकरण व बोल्डर पिचिंग कार्य का प्राक्कलन तैयार किया गया है. इस पर करीब 178.9201 करोड़ खर्च होंगे. सारण तटबंध के किमी 80 से किमी 120.28 के बीच तटबंध का सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण कार्य पर भी 124.1129 करोड़ खर्च होंगे. इसकी भी डीपीआर बन गयी है.
मंत्री ने बताया कि गंडक नदी के दायें तट पर निर्मित सारण तटबंध की कुल लंबाई 152.00 किमी है. सारण तटबंध के 80.00 किमी तक का क्षेत्र (प्रभाग) सारण और किमी संख्या 80 से 152 किमी का क्षेत्र गोपालगंज जिले में है.
2017 में नेपाल प्रभाग के जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण गोपालगंज जिले में पड़ने वाला सारण तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ था. इसकी मरम्मत कर ली गयी थी. 2020 में 19 -21 जुलाई के बीच नेपाल में भारी बारिश हुई थी.
21 जुलाई , 2020 को गंडक नदी पर निर्मित वाल्मीकिनगर बराज से 4,36500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. वहीं, उत्तर बिहार में गंडक नदी के सभी सीमावर्ती जिलों में भारी बारिश हुई थी. इसके कारण गंडक नदी में लगभग 1,00,000 क्यूसेक और अतिरिक्त पानी बढ़ गया.
पांच लाख 36 हजार 500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी से गोपालगंज के डुमरिया घाट, रेवाघाट और लालगंज के पास रिकाॅर्ड उच्चतम जल स्तर हो गया. इससे गंडक नदी के दायें तट पर गोपालगंज में सारण तटबंध, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली, शीतलपुर जमींदारी बांध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाइन को भारी नुकसान हुआ.
Posted by Ashish Jha