Dr Rajendra Prasad Jayanti: राजेंद्र बाबू भारतीय राजनीति के एक ऐसे सितारे हैं, जिसकी चमक कभी कम नहीं होगी

आज देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 138वीं जयंती है. उनका जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. वो भारतीय संस्कृति पर आधारित एक निःस्पृह, ईमानदार और त्यागी जीवन के आदर्श स्थापित किये, जो सदियों तक लोगों को प्रेरित करते रहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2022 2:32 PM

Dr. Rajendra Prasad Jayanti: देश रत्न राजेंद्र प्रसाद की जयंती आज, जानिए उनसे जुड़े रोचक तथ्य

पटना. देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. राजेंद्र बाबू की प्रारंभिक पढ़ाई बिहार के छपरा में हुई थी. उन्होंने पढ़ाई की शुरुआत फारसी से की थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह पटना और कोलकाता चले गए थे.18 साल की उम्र में राजेंद्र प्रसाद ने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान प्राप्त किया था. कानून की पढ़ाई करने के बाद राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और बिहार प्रदेश के एक बड़े नेता के रूप में उभरे. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित राजेंद्र बाबू 1931 के ‘नमक सत्याग्रह’ और 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भी शामिल हुए थे. राजेंद्र बाबू देश के पहले राष्ट्रपति बने. राजेंद्र प्रसाद देश के एकलौते राष्ट्रपति हैं जो लगातार दो बार राष्ट्पति चुने गए. वह 12 सालों तक राष्ट्रपति रहे. राजेंद्र बाबू विद्वता, सादगी और ईमानदारी के मिशाल थे. उनके जन्म जयंती पर आज पूरा देश उनको नमन कर रहा है.

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