18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने खुद को बताया बिहार की बेटी, बोलीं- हमारे पूर्वजों की भी रही है ये भूमि

द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में भले ही बिहार की यह मेरी पहली यात्रा है. मगर, मैं बिहार के लोगों और यहां की संस्कृति से भली-भांति परिचित हूं. पड़ोसी राज्य झारखंड के राज्यपाल पद के दायित्वों का निर्वहन करते हुए मैंने बिहार की संस्कृति और जीवन-शैली को करीब से जाना और महसूस किया है.

पटना. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक के चौथे कृषि रोड मैप को लांच किया. बुधवार को बापू सभागार में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने किसानों की हौसला अफजायी करते हुए कहा कि वह भी जब राष्ट्रपति भवन छोड़ने के बाद खेती ही करेंगी. राज्य भर से आये किसान और जीविका दीदियों के बीच कृषि रोड मैप लांच करते हुए द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में भले ही बिहार की यह मेरी पहली यात्रा है. मगर, मैं बिहार के लोगों और यहां की संस्कृति से भली-भांति परिचित हूं. पड़ोसी राज्य झारखंड के राज्यपाल पद के दायित्वों का करीब छह वर्षों तक निर्वहन करते हुए मैंने बिहार की संस्कृति और जीवन-शैली को करीब से जाना और महसूस किया है.

ऐतिहासिक रूप से भी बिहार से जुड़ा है ओड़िशा

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा गृह राज्य ओड़िशा भी ऐतिहासिक रूप से बिहार से जुड़ा है. इसलिए मुझे लगता है कि मैं भी अपने-आप को बिहारी कह सकती हूं. राष्ट्रपति ने कहा कि मैं बिहार को अपना राज्य मानती हूं. मुख्यमंत्री ने मुझसे बिहार आने को कहा है. मैं बीच-बीच में जरूर बिहार आऊंगी. कभी मेरे पूर्वज यहां रहा करते थे. अभी मेरे भाई-बहन और उनके बाद की पीढ़ी रह रही है. मैं किसान की बेटी हूं. यहां जैविक खेती कैसे होती है, कैसे भंडारण होता है, रोड मैप से कैसे काम हो रहा है मुझे ये ये सब देखना है. क्योंकि राष्ट्रपति का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद मुझे भी गांव जाकर खेती करनी है.

सुरीनाम में भी देखी बिहार की झलक

राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि बिहार की लोक-संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. बटोहिया और बिदेसिया से लेकर कटनी और रोपनी गीतों तक की बिहार की लोक-संस्कृति और साहित्य की यात्रा ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनायी है. मैंने सूरीनाम की अपनी यात्रा के दौरान वहां पर पुरातन बिहार की झलक देखी. विशाल भौगोलिक दूरी और अलग-अलग टाइम जोन में होने के बावजूद बिहार से गये लोगों ने जहां एक ओर अपनी संस्कृति और परंपरा को संजोये रखा है. वहीं, दूसरी ओर स्थानीयता में भी रच-बस गये हैं.

मानव निर्मित संकीर्णता से बाहर निकलना होगा

बिहार भगवान बुद्ध और अशोक की धरती है. उन्होंने संपूर्ण मानवता को शांति और सद्भाव का पाठ पढ़ाया है. यहां की पावन धरती के वासी होने के नाते यह अपेक्षा की जाती है कि आप एक ऐसे समाज का आदर्श प्रस्तुत करें जिसमें द्वेष और कलह की कोई गुंजाइश न हो. विकसित भारत के सपने को पूरा करने में इस प्रदेश का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. लेकिन, इस सपने को सच्चाई में बदलने के लिए हमें मानव-निर्मित संकीर्णताओं से बाहर निकलना होगा. बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए समेकित विकास के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

Also Read: सरकारी नौकरी देने में बिहार देश में अव्वल, बोले तेजस्वी यादव- कृषि बिहार की अर्थव्यस्था की रीढ़

हैप्पीनेस इंडेक्स का भी रोड मैप बनाएं

राज्य के नीति-निर्माताओं और जनता को बिहार की प्रगति के लिए एक रोड मैप निर्धारित करना होगा और उस पर चलना होगा. यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि कृषि रोड मैप का क्रियान्वयन किया जा रहा है. मुझे और अधिक खुशी होगी जब बिहार विकास के हर मानक पर मैप बनाकर लगातार प्रगति के पथ पर बढ़ता दिखाई दे. चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, प्रति व्यक्ति आय हो या सबसे बढ़कर हैप्पीनेस इंडेक्स हो.

पांचवें रोड मैप की नहीं अब पड़ेगी जरूरत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कृषि रोड मैप से किसानों को काफी फायदा हुआ है. पूर्व के तीन कृषि रोड मैप से धान, मक्का, गेहूं और आलू का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है. बचे हुए कार्य को पूरा करने के लिए चौथे कृषि रोड मैप में काम होगा. इसके लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गयी है. सभी 12 विभागों के अधिकारी तेजी से कार्य करें. कहा कि चौथे कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन के बाद पांचवें कृषि रोड मैप की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे किसानों की आय बढ़ेगी.

हर तीन से चार माह पर आइये बिहार

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति की धरती पर द्रोपदी मुर्मू आयी हैं. द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने के लिए हमलोगों ने भी सपोर्ट किया था. कहा कि राष्ट्रपति से मेरा पुराना नाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि हर तीन से चार माह पर बिहार आइये.

केंद्र ने आपको राज्यपाल बनाया, मगर हम इज्जत करते हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल तो इधर-उधर घूमते ही हैं. उनसे आग्रह करते हैं कि कृषि रोड मैप का कार्य ठीक से हो रहा है कि नहीं, इसको देखें. हम आपकी इज्जत करते हैं. कहा कि रोड मैप की योजनाओं को देखिये और जहां कहीं भी समस्या हो तो संबंधित अधिकारियों को बताएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपको राज्यपाल बनाया है. उससे हमको मतलब नहीं है. हम आपका पूरा इज्जत करते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें