बिहार बोर्ड का ड्रेस कोड नेशनल कॉन्क्लेव में बना चर्चा का विषय, हरियाणा,गोवा समेत अन्य राज्य बोर्ड करेंगे लागू
बिहार बोर्ड के ड्रेस कोड के तहत सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को गर्मियों में स्काइ ब्लू कलर का शर्ट तथा ब्लैक पैंट पहनना होता है. ऐसे में कॉन्क्लेव में समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को एक साथ स्काइ ब्लू रंग के कपड़े में देख कर प्रतिनिधि हर्षित थे.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 16 एवं 17 जून को पटना में दो दिवसीय नेशनल कॉन्क्लेव ऑफ एग्जामिनेशन बोर्ड 2023 का आयोजन किया गया, जिसमें देश के 23 राज्यों के 32 परीक्षा बोर्डों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में परीक्षा बोर्डों के बेस्ट प्रैक्टिस के अतिरिक्त एक विषय, जो काफी चर्चा में रहा वह है बिहार बोर्ड में सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए लागू ड्रेस कोड.
बिहार बोर्ड का ड्रेस कोड बना चर्चा का विषय
बिहार बोर्ड के कर्मियों के लिए ड्रेस कोड को अगस्त 2017 में समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर द्वारा समिति की कार्यप्रणाली में किये जा रहे सुधारों के क्रम में लागू किया गया था. समिति में लागू किये गये तकनीक आधारित परीक्षा सुधार कॉन्क्लेव में चर्चा का विषय था. समिति में लागू ड्रेस कोड के तहत सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को गर्मियों में स्काइ ब्लू कलर का शर्ट तथा ब्लैक पैंट पहनना होता है. ऐसे में कॉन्क्लेव में समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को एक साथ स्काइ ब्लू रंग के कपड़े में देख कर प्रतिनिधि हर्षित थे व उनमें से कई द्वारा इस संबंध में जानकारी भी ली गयी. इस संबंध में जानकारी लेने वालों में हरियाणा, गोवा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के अध्यक्ष के अतिरिक्त विभिन्न अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी थे.
समय- समय पर इस तरह का आयोजन होना चाहिए : आनंद किशोर
वहीं इससे पहले समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने शनिवार को कहा था कि सभी राज्यों के परीक्षा बोर्डों के लिए समय- समय पर इस तरह का आयोजन होना चाहिए, ताकि सभी परीक्षा बोर्डों को ऐसे आयोजनों से एक ओपेन प्लेटफार्म मिले. जहां से परीक्षा सुधारों के संबंध में विचार-विमर्श किया जा सके. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अपनी सम्पूर्ण परीक्षा व्यवस्था एवं प्रक्रियाओं में तकनीक के माध्यम से बदलाव किये गये हैं. विगत पांच वर्षों से लगातार देश में सबसे पहले इंटर एवं मैट्रिक परीक्षाओं का परीक्षाफल जारी किया गया है. जिससे कारण समिति को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार मिला है और समिति को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली है.