मुजफ्फरपुर, सोमनाथ सत्योम. राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) ने वर्ष 2020-21 का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. इसमें गोल्ड, मार्दक पदार्थ, मशाला, सिगरेट, जाली मुद्रा तस्करी की विस्तृत जानकारी दी गई है. इंडो-नेपाल और इंडो-भूटान सीमा से हो रही तस्करी पर डीआरआइ ने नकेल कसा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना काल में हवाई मार्ग से तस्करी बंद होने के बाद सड़क मार्ग से तस्करी शुरू हो गयी थी. जिसे चुनौती को लेकर डीआरआइ ने इसपर लगामा लगाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में सर्बाधिक गांजा की खेप पकड़ी गई है. यानी कुल जब्ती का 30 फीसदी खेप बिहार के विभिन्न इलाको से डीआरआई ने जब्त किया है. देश स्तर पर वर्ष 2020-21 में गांजा जब्ती के 43 केस दर्ज किये गये. इसमें मुजफ्फरपुर स्थित डीआरआइ की क्षेत्रीय यूनिट ने इस दौरान गांजा का आधा दर्जन केस दर्ज किया गया.
सूत्रों की माने तो तस्करी के लिहाज से मुजफ्फरपुर हॉट स्पॉट है. नेपाल बॉर्डर से तस्करी कर गांजा, सोना, चांदी, जाली मुद्रा आदि तस्कर मुजफ्फपुर होकर ही दिल्ली, हैदराबाद और अन्य दूसरे प्रदेश ले जाते है. नेपाल से तस्करी किये गये सोना और चांदी की खपत यूपी और पश्चिम बंगाल में अधिक है.
डीआरआइ रिकॉर्ड के अनुसार, बीते दो से तीन साल में एक दर्जन से अधिक कार्रवाई डीआरआइ ने की है. इसमें सोना, चांदी, सिगरेट से लेकर गांजा और जाली नोट तक की खेप भी पकड़ी है. मुजफ्फरपुर रूट से गांजा, सिगरेट और जाली नोट की अधिक गुजरती है.
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