मधुबनी जिले में भी गहराया पेयजल संकट, 25 फुट नीचे गया जलस्तर, रोज सूख रहे 10 से 15 चापाकल

मधुबनी शहर का जल स्तर 22 फुट नीचे चला गया है. जबकि लौकही प्रखंड में सबसे ज्यादा 25 फुट तक लेयर नीचा चला गया है. पीएचईडी विभाग से मिली जानकारी के तहत 15 अप्रैल को लिये गये मापी के अनुसार वर्तमान में और अधिक जलस्तर नीचे जा रहा है. 15 अप्रैल की तुलना में 1 फुट और नीचे जल स्तर पहुंच गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2022 6:12 PM

मधुबनी. तेज धूप व गर्मी के कारण लगातार जलस्तर में गिरावट हो रही है. मधुबनी शहर का जल स्तर 22 फुट नीचे चला गया है. जबकि लौकही प्रखंड में सबसे ज्यादा 25 फुट तक लेयर नीचा चला गया है. पीएचईडी विभाग से मिली जानकारी के तहत 15 अप्रैल को लिये गये मापी के अनुसार वर्तमान में और अधिक जलस्तर नीचे जा रहा है. 15 अप्रैल की तुलना में 1 फुट और नीचे जल स्तर पहुंच गया है.

अभी तक 2500 चापाकल को चालू किया गया

इधर, जलस्तर में लगातार गिरावट को देखते हुए पीएचईडी विभाग ने चापाकल की मरम्मति को लेकर विशेष अभियान शुरु किया है. पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि जिस तरह से पानी की लेयर में गिरावट हो रहा है, उसको देखते हुए सबसे पहले चापाकल की मरम्मति करने की प्रक्रिया शुरु कर दिया गया है. चापाकल की मरम्मति को लेकर मार्च महीने में टीम गठन किया गया. टीम के द्वारा अभी तक 2500 चापाकल को चालू किया गया है. लेकिन जैसे जैसे लेयर में कमी हो रहा है, चापाकल से कम पानी निकल रहा है.

स्कूलों में खराब चापाकलों को ठीक करना प्राथमिकता

सरकार के निर्देश के तहत अब फोन के माध्यम से शिकायत आने पर उसके निदान की पहल की जा रही है. इसके लिये कंट्रोल रूम का गठन कर दिया गया है. डीएम अमित कुमार ने सरकारी स्कूलों में खराब चापाकलों को प्राथमिकता के तौर पर ठीक करने का निर्देश कार्यपालक अभियंता को दिया है. करीब सात सौ चापाकलों को ठीक करने की पहल हो रही है.

चापाकल के मरम्मति को लेकर बना नियंत्रण कक्ष

विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि खराब चापाकल की मरम्मति को लेकर जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. नियंत्रण कक्ष सुबह 10 बजे से 5 बजे तक कर्मी को लगाया गया है. नियंत्रण कक्ष में संपर्क करने के लिये विभाग के द्वारा 06276-296180 फोन नंबर दिया गया है.

प्रत्येक दिन 10 से 15 चापाकल की शिकायत दर्ज

उक्त फोन पर उपभोक्ता अपना शिकायत दर्ज कर सकते है. श्री कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन 10 से 15 चापाकल की शिकायत दर्ज हो रहा है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा शिकायत रहिका प्रखंड व लौकही प्रखंड के आ रहा है.चापाकल की शिकायत ज्यादा होने के बजह से अब विभाग निजी चापाकल मिस्त्री का सहयोग भी लिया जा रहा है.

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