बिहार: भागलपुर के बाजार में सूखे पड़े सभी प्याऊ, कंठ गीला करने में जेब हो रहे ढीले
भागलपुर पूर्वी बिहार के बड़े बाजार के रूप में स्थान बना चुका है लेकिन अभी भी यहां पेयजल की समस्या बनी हुई है. शहर के विभिन्न स्थानों पर लाखों की लागत से प्याऊ बने लेकिन सभी खराब पड़े है.
दीपक राव, भागलपुर. पूर्वी बिहार में बड़े बाजार के रूप में स्थान बना चुके भागलपुर के मुख्य बाजार में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है. यहां पर आने वाले लोगों को पेयजल के लिए पानी खरीदना पड़ता है. कोतवाली चौक, वेराइटी चौक एवं इनारा चौक पर लाखों की लागत से लगे प्याऊ रख-रखाव के अभाव में दम तोड़ रहा है. रोजाना यहां पर गोड्डा, दुमका, बांका, नवगछिया, जमालपुर, सुल्तानगंज, बेलहर, पीरपैंती आदि क्षेत्र से आने वाले हजारों लोगों को पेयजल संकट झेलना पड़ रहा है. इस भीषण गर्मी में लोगों की समस्या काफी बढ़ गई है.
इनारा चौक पर एक साल से बंद है प्याऊ
इनारा चौक पर छह साल पहले ही पीएचइडी की ओर से लाखों की लागत से प्याऊ निर्माण कराया गया था. व्यवसायी और ग्राहकों को लगा कि अब पेयजल की समस्या दूर हो जायेगी, लेकिन रख-रखाव के अभाव में यह बंद हो गया. पहले भी प्याऊ के चारों ओर गंदगी और अव्यवस्था को देख कर लोग पास आकर लौट जाते थे. हाल के दिनों में यूरिनल को दुरुस्त कराया गया है, लेकिन गंदगी व पेयजल के अभाव में यूरिनल की सफाई नहीं हो पा रही है.
वेराइटी चौक पर रख-रखाव के अभाव में मोटर खराब
वेराइटी चौक पर लगे प्याऊ में तीन में दो ही सही रहता था. अब रख-रखाव के अभाव में मोटर खराब है. इससे दो माह से पानी आना बंद हो गया है. लोगों का कहना है कि यहां पर आजाद क्लब की ओर से 2002 में प्याऊ का निर्माण कराया गया था.
बाहरी कारोबारियों को होती है समस्या
शहर के एक कपड़ा कारोबारी ने बताया कि बाजार क्षेत्र के ही बाल सुबोधिनी पाठशाला गली में वर्षों से चापाकल बंद पड़ा है. बार-बार प्रयास के बाद कुछ दिनों तक शुरु होता है, फिर बंद हो जाता है. अब तो लोग इस चापाकल के आसपास ही कूड़े-कचरे फेंकने लगे हैं. बौंसी से आये राम कुमार भगत ने बताया कि वे कपड़े का कारोबार करते हैं. भागलपुर से ही अपना सारा माल बुक कराते हैं. यहां पर जब भी आते, कभी पेयजल की समुचित सुविधा नहीं होती.
पानी को लेकर मारामारी की स्थिति है
शहर के मुख्य बाजार से सटे वार्ड 15 अंतर्गत लहरी टोला, एमपी द्विवेदी रोड का कुछ क्षेत्र, भगवान महावीर पथ के आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है. इससे इस भीषण गर्मी में पानी को लेकर मारामारी की स्थिति बन गयी है. नगर निगम गोदाम के समीप गली में रोजाना सुबह-सुबह पानी के लिए लंबी कतार लग रही है. पानी लेने को लेकर रोजाना विवाद होता है. कभी-कभी तो विवाद इतना बढ़ जाता है कि बड़े लोगों को हस्तक्षेप के लिए आना पड़ता है. लोगों का कहना है कि लहरी टोला में जो लोग समृद्ध हैं, वो पानी के लिए मोटर लगाये हुए हैं, लेकिन रोजाना काम-धंधा वाले लोगों को बड़ी परेशानी होती है.
एमपी द्विवेदी रोड में 20 वर्ष से पेयजल की सुविधा नहीं
वहीं एमपी द्विवेदी रोड में भी 20 वर्ष से पेयजल की सुविधा नहीं है. यहां के लोगों को दूसरे वार्ड या दूसरे घरों से पानी लाना पड़ता है. कुल मिला कर पानी के लिए हाहाकार की स्थिति है. गोभी क्षेत्र में पाइप लाइन ही नहीं बिछायी गयी है. इससे लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है. लहरी टोला के शृंगार कारोबारी संजय कुमार ने बताया कि लहरी टोला भी बाजार का ही छोटा हिस्सा है. इस क्षेत्र में आमलोगों के लिए पेयजल सुविधा नहीं है. वरीय चिकित्सक डॉ विनय गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र का अधिकतर चापाकल खराब है. सप्लाइ का पानी आता है, लेकिन वह भी सीमित समय के लिए. इससे आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है.