बिहार: स्टेशन पर ट्रेन रोकना भूल गया ड्राइवर, गलती का एहसास होने पर बीच पुल पर किया ये काम

पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-बलिया रेलखंड पर स्थित मांझी हॉल्ट पर उत्सर्ग एक्सप्रेस का लोको पायलट ट्रेन रोकना ही भूल गया. इसके बाद जब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने ट्रेन को सरयू नदी पर बने पुल के बिल्कुल बीच में रोक दिया.

By Anand Shekhar | October 19, 2023 7:49 PM

बिहार में अक्सर ट्रेनों से जुड़ी कई ऐसी खबरें आती रहती हैं, जिन्हें सुनकर हैरानी होती है. इसी क्रम में छपरा में एक ऐसी घटना घटी जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां ट्रेन के लोको पायलट को पता ही नहीं चला की ट्रेन कहां रोकनी है और वो ट्रेन को लेकर स्टेशन क्रॉस करते हुए आगे बढ़ता चला गया. इसके बाद जब ड्राइवर को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने ट्रेन को बीच पुल पर जा कर रोक दिया. ट्रेन करीब 20 मिनट तक पुल पर खड़ी रही. इस दौरान ट्रेन में बैठे और स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्रियों की सांसें अटकीं रही. यह घटना पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-बलिया रेलखंड पर स्थित मांझी हॉल्ट के पास घटित हुई.

हॉल्ट पर न रुककर पुल पर रुकी उत्सर्ग एक्सप्रेस ट्रेन

दरअसल बुधवार की शाम 6 बजे छपरा से फर्रुखाबाद जाने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय से छपरा जंक्शन से खुली. इसके बाद ट्रेन अपने पहले स्टोपेज पर रुकी, यात्री ट्रेन पर चढ़े और ट्रेन वहां से खुल गई. इसके बाद ट्रेन का अगला स्टोपेज मांझी हॉल्ट स्टेशन था. लेकिन ट्रेन इस स्टेशन पर रुकने की जगह आगे बढ़ गई. जिन्हें ट्रेन पर सवार होना था उनके बीच अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद जैसे ही लोको पायलट को अपनी गलती का एहसास हुए तो आनन-फानन में ट्रेन को सरयू नदी पर बने पुल पर आनन-फानन में रोका गया. इसके बाद ट्रेन के ड्राइवर ने अधिकारियों से बात की और ट्रेन को वापस स्टेशन पर लेकर आया.

स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्री रह गए हैरान

बुधवार की शाम को मांझी हॉल्ट स्टेशन पर कई यात्री लखनऊ, बलिया सहित अन्य स्टेशनों का टिकट लेकर हॉल्ट पर इंतजार कर रहे थे. ट्रेन मांझी नए रेलवे स्टेशन से खुली, तो हॉल्ट पर दर्जनों यात्री रुकने का इंतजार करते रहे गये. लेकिन, ट्रेन पुल के बीचों बीच जाकर रुकी. करीब 20 मिनट तक ट्रेन ब्रिज पर खड़ी रही. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बाद में गार्ड तथा चालक ने आपस में समन्यव स्थापित कर ट्रेन को पीछे हॉल्ट पर लाया. वहीं इस मामले में डीआरएम वाराणसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. तो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

यात्रियों की सूझबूझ से टली बड़ी घटना

उत्सर्ग एक्सप्रेस में सवार यात्रियों ने यदि बुद्धिमता का परिचय नहीं दिया होता, तो कई यात्रियों की जान जा सकती थी. चूंकि ट्रेन जिस रेल पुल में खड़ी थी, वहां पायदान से उतरते ही 50 फुट नीचे सरयू नदी में गिर सकते थे. यही नहीं, ट्रेन पर सवार होने के दौरान रेल पुल की रेलिंग पर दौड़ रहे यात्री भी चढ़ते समय दुर्घटना के शिकार हो सकते थे. इसे महज संयोग ही कहा जायेगा कि उत्सर्ग एक्सप्रेस के चालक की इस बड़ी मानवीय भूल के बावजूद अप्रत्याशित हादसा होते-होते टल गया. महज 500 सौ मीटर पहले मांझी हॉल्ट को ट्रेन पार कर चुकी थी और अनजान यात्री रात के अंधेरे में पुल को ही प्लेटफॉर्म समझकर ट्रेन से उतर सकते थे.

क्या कहते हैं पीआरओ

ट्रेन का मांझी हॉल्ट पर न रुकना तथा कुछ दूर आगे पुल पर जाकर रुकने के बाद वापस हॉल्ट पर आने से संबंधित घटना की जानकारी मिली है. स्थानीय अधिकारियों से भी पूछताछ की गयी है. पूरी जानकारी इकट्ठा कर इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. -अशोक कुमार, पीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल

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पहले भी हॉल्ट पर न रुककर पुल पर रुकी है ट्रेन

पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-बलिया रेलखंड पर स्थित मांझी हॉल्ट पर उत्सर्ग एक्सप्रेस का नहीं रुकना कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी ट्रेन हॉल्ट पर न रुक कर पुल पर जाकर रुकी थी. फिर पुल से वापस हॉल्ट पर आयी, तब यात्री ट्रेन पर चढ़े और उतरे. उस समय भी यात्री सकते में आ गये थे कि आखिर ट्रेन क्यों नही रुकी. लेकिन, थोड़ी देर बाद फिर ट्रेन वापस आयी. बीते बुधवार को इसी तरह मांझी हॉल्ट पर ट्रेन नहीं रुक कर रेल पुल पर जाकर रुकी. काफी देर तक इंतजार करने के बाद ट्रेन रेल पुल से वापस आयी.

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