बिहार में तेज गति से गाड़ी चलाना पड़ेगा महंगा, अब जिले में तैनात होंगे इंटरसेप्टर वैन, जानें कैसे करता है काम
बिहार के सभी जिलों में नियम तोड़ने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाने के लिए अत्याधुनिक 23 इंटरसेप्टर वाहन की खरीद होगी. इसके लिए विभाग ने पांच करोड़ आठ लाख बाहर हजार की राशि का आवंटन भी कर दिया है. जल्द ही जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों से लोगों से जुर्माना वसूला जायेगा.
पटना. बिहार में अब तेज गति से गाड़ी चलानेवालों पर यातायात पुलिस के इंटरसेप्टर वाहन नकेल कसेंगे. इंटरसेप्टर वाहन स्पीड रडार गन से युक्त है. बताया जाता है कि परिवहन विभाग यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर जिला स्तर पर भी सख्ती करने जा रहा है. बिहार के सभी जिलों में नियम तोड़ने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाने के लिए अत्याधुनिक 23 इंटरसेप्टर वाहन की खरीद होगी. इसके लिए विभाग ने पांच करोड़ आठ लाख बाहर हजार की राशि का आवंटन भी कर दिया है. जल्द ही जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों से लोगों से जुर्माना वसूला जायेगा. विभागीय सूत्रों के मुताबिक 10-10 इंटरसेप्टर वाहन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.
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क्या है इंटरसेप्टर वाहन
इंटरसेप्टर वाहन में वैन और बाइक दोनों होती है, जिसमें अत्याधुनिक कैमरा लगा होता है. यह उन जगहों पर खड़ा किया जाता है, जहां लोग नियम का पालन नहीं करते है और तीन सवारी,बिना सीट बेल्ट, तेज रफ्तार,बिना हेलमेट या नशे में गाड़ी चलाते है. इन सभी मामले में कैमरा कैच करता है और उसके बाद तुरंत वाहन मालिकों के नाम पर चालान जनरेट करने के लिए कंट्रोल रूम को मैसेज करता है और जुर्माना की राशि वाहन मालिक के मोबाइल पर पहुंच जाता है. बाइक में भी कैमरा पीछे की ओर लगा होता है, जो चारों ओर घूमता रहता है. यातायात नियम तोड़ने पर यहां से भी चालान के लिए कंट्रोल रूम को मैसेज भेजा जाता है. साथ ही, शराब के नशे में लोगों की पड़ताल में इसके कर्मी काम करते है. उनके पास ब्रेथ एनालाइजर होता है.
हाइवे पर भी करेगा निगरानी
इंटरसेप्टर वाहन की मदद से एनएच, एसएच और ग्रामीण सड़कों पर भी निगरानी की जायेगी.इसको हाइवे पर कहीं भी लगाकर रखा जायेगा. जहां से आने-जाने वाली गाड़ियों पर निगरानी होगी. इसमें लगे कैमरा तेज रफ्तार की गाड़ी को दो किलो मीटर दूर तक कैच कर लेगा.वहीं,दूर की साफ तस्वीर भी खींच लेगा.तेज रफ्तार में चलने वाले गाड़ियों की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम को भेजेगा, ताकि उस गाड़ी पर नियमानुसार कार्रवाई की जा सकें.
तेज गति के कारण होती है अधिकतर दुर्घटनाएं
परिवहन विभाग ने राजधानी पटना को पांच इंटरसेप्टर वाहन दिए हैं. हाल के दिनों में अटल पथ, बेली रोड व बाइपास पर कई दुर्घटनाएं हुई हैं. यातायात पुलिस के मुताबिक सबसे ज्यादा दुर्घटना बाइपास यातायात थाना क्षेत्र में घटती है. वहीं, अटल पथ और बेली रोड पर भी कई जानलेवा हादसे हुए हैं. यातायात पुलिस अधिकारियों की माने तो ज्यादातर दुर्घटना की वजह वाहनों की तेज गति थी. जिसके बाद स्पीड रडार गन का प्रयोग कर तेज गति वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई.
पटना में यातायात पुलिस के पास पांच स्पीड गन
वर्तमान में यातायात पुलिस के पास पांच स्पीड गन है. यातायात पुलिसकर्मी पहले तक स्पीड गन को हाथ में लेकर चालान काटते थे. वहीं स्पीड गन के कैमरे और प्रिंटर की क्षमता कम थी. जिससे यातायात कर्मियों को दिक्कत होती थी. इसके कारण यातायात पुलिस को इंटरसेप्टर वाहन से लैस करने का निर्णय लिया गया. दो-दो इंटरसेप्टर वाहन गांधी मैदान और बाइपास यातायात थाना, जबकि एक सगुना मोड़ यातायात थाना को दिया गया है.