पटना. राज्यभर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए नालंदा, भोजपुर, कैमूर, मधुबनी, सीतामढ़ी सहित 17 जिलों में जमीन चिन्हित कर लिया गया है. जिलों द्वारा उपलब्ध कराएं गये प्राकलन पर प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी गयी है.
निर्माण के लिए कई जिलों में एजेंसी का चयन एवं टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. सोमवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक योजना के प्रगति की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान उन्होंने योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया और जिला स्तर पर योजना की निगरानी का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक योजना के प्रगति की प्रतिदिन जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करें.
सचिव ने कहा कि सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए चालन दक्षता जांच के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाना है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी और अधिक कमी आ सकें. पटना एवं औरंगाबाद में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर गाड़ी चालकों की जांच हो रही है.
समीक्षा बैठक में अपर सचिव परिवहन विभाग सन्नी सिन्हा, संयुक्त सचिव श्री पंकज कुमार, उपसचिव श्री शैलेंद्र नाथ, विशेष कार्य पदाधिकारी आजीव वत्सराज एवं सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारी उपस्थित थे.
सीतामढ़ी, मोतीहारी, किशनगंज, मधुबनी, पूर्णिया, नालंदा, कटिहार, कैमूर, सारण, बांका, बेतिया, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, नवादा, मधेपुरा में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करते हुए उपलब्ध कराएं गये एस्टिमेट पर अधिकतम मान्य राशि (जिलानुसार 50-75 लाख रुपये) के अंदर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है.
बाकी बचे जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द जमीन चिन्हित कर विभाग को रिपोर्ट सौंपे. इस योजना की प्रग्रति के संबंध में अगले माह दोबारा से बैठक होगी. जिसमें बाकी जिलों के बचे हुए चिन्हित जमीन का भी ब्योरा जिलों से लिया जायेगा.
Posted by Ashish Jha