बिहार में शराब के निर्माण एवं व्यापार की ड्रोन निगरानी, ट्रायल के बाद होगा एजेंसी के चयन

ड्रोन की उड़ने की क्षमता, उसके फोटो या वीडियो रिकॉर्ड करने की क्वालिटी व जीपीएस को परखने के बाद ही अंतिम रूप से एजेंसी का चयन कर उसको इसकी जिम्मेदारी दी जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2022 9:16 AM

पटना. दियारा व पहाड़ी इलाके में शराब के निर्माण एवं व्यापार की निगरानी को लेकर ड्रोन से गश्ती हर जिले में की जायेगी. यह गश्ती दिन और रात में अलग-अलग होगी. जिलों में ट्रायल के दौरान ड्रोन की अचूकता खास कर रात्रि में देखी जायेगी. ड्रोन की उड़ने की क्षमता, उसके फोटो या वीडियो रिकॉर्ड करने की क्वालिटी व जीपीएस को परखने के बाद ही अंतिम रूप से एजेंसी का चयन कर उसको इसकी जिम्मेदारी दी जायेगी.

सात कंपनियां दे रहीं ड्रोन का ट्रायल

जिलों को ड्रोन की सेवा एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी. एजेंसी ही विभाग की जरूरत के मुताबिक ड्रोन से लेकर उसके सॉफ्टेवयर और हार्डवेयर का इंतजाम करेगी. टेक्निकल हैंड भी एजेंसी ही उपलब्ध करायेगी. फिलहाल सात कंपनियां ड्रोन के ट्रायल को लेकर सामने आयी हैं. इनमें नेशनल फॉरेंसिक साइंसेस यूनिवर्सिटी के साथ ही मेसर्स डेबेस्ट जर्नी एरो सिस्टम, इनोकेट सॉल्यूशंस प्रालि, जेन एयरोस्पेश प्रालि, व्यूरिस ड्रोन्स प्रालि, इगलट्रोनिक्स एवियेशन प्रालि और गुरुदाउब सॉफ्ट सॉल्यूशंस प्रालि शामिल हैं.

उड़ान क्षमता के हिसाब से बनेगा पैनल

सेवा देने वाली एजेंसियों का पैनल उनके ड्रोन की उड़ान क्षमता के हिसाब से बनाया जायेगा. एक बार में 50 किमी से अधिक उड़ान की क्षमता रखने वाले ड्रोन और 50 किमी से कम उड़ान क्षमता रखने वाले ड्रोन का अलग-अलग पैनल बनेगा. मद्य निषेध विभाग ने एजेंसियों से यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हेकिल) भी उपलब्ध कराने को कहा है. इसके माध्यम से थ्रीडी मैपिंग से लेकर फूड डिलिवरी, कृषि कार्य, मैपिंग, सर्च , रेस्क्यू ऑपरेशन आदि भी किये जाते हैं.

छापेमारी में भी काम देगा ड्रोन

ड्रोन के माध्यम से दियारा क्षेत्र में शराब बनाने व नदियों में इसकी ट्रांसपोर्टिंग के बारे में पता करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही जीपीसी की मदद से इलाके की सटीक जानकारी लेकर वहां पर छापेमारी करने में भी मदद मिलेगी. साथ ही छापेमारी में पकड़े जाने पर संबंधित मामले में उसे न्यायालय में सबूत के रूप में भी पेश किया जा सकेगा. इसमें जीपीएस लोकेशन के साथ ही तस्वीरें व वीडियो इसका आधार बनेंगी.

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