बिहार में जमकर बरसे बदरा, बावजूद कई जिलों में सूखे जैसे हालात
बीते बुधवार को हुई बारिश के बावजूद उत्तर बिहार की अपेक्षा दक्षिण बिहार में सूखे के हालात बनते नजर आ रहे हैं. सूबे के 13 जिलों में धान की रोपनी की रफ्तार बहुत धीमी है. फिलहाल राज्य में धान की औसतन रोपनी करीब 15 से 20 फीसदी हुई है.
बिहार में पिछले कुछ सप्ताह से बारिश न के बराबर हुई थी. हालांकि, बुधवार को प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई. इसके बावजूद प्रदेश के 30 जिलों में सामान्य से 20 फीसदी से भी कम बारिश हुई है. पांच जिलों की हालत तो और भी खराब हैं. यहां 64 फीसदी तक कम बारिश हुई है. जिस वजह से प्रदेश के तकरीबन सभी हिस्सों में सूखे जैसी परिस्थिति पैदा हो गई है.
इन पांच जिले में हालात ज्यादा खराब
जिला वर्षापात कम बारिश
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अरवल 59.3 मिमी -64%
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औरंगाबाद 78.0 मिमी -63%
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गया 78.0 मिमी -64%
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शेखपुरा 81.9 मिमी -63%
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शिवहर 110.9 मिमी -64%
30 जिलों में 20 फीसदी से भी कम बारिश
1 जून से जुलाई की अवधि में अररिया, बेगूसराय, बक्सर, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया एवं सुपौल को छोड़ बाकी सभी 30 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब तक राज्य में 15 से 20 प्रतिशत तक ही रोपनी का कार्य हुआ है. एक जून से आठ जुलाई के दौरान केवल आठ जिलों में अच्छी बारिश हुई है. इनमें अररिया, बेगूसराय, बक्सर, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया और सुपौल जिले शामिल हैं.
इन 13 जिलों में रोपनी की रफ्तार बहुत धीमी
कृषि विभाग की माने तो अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, गया, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, शेखपुरा और सीतामढ़ी में धान की रोपनी की रफ्तार बहुत धीमी है.
क्या है तैयारियां
सूखे की स्थिति से निबटने के लिए किसानों को खरीफ फसल की पटवन के लिए 60 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान देने का फैसला लिया गया है. बता दें कि एक एकड़ क्षेत्र में 10 लीटर डीजल खपत होने का अनुमान हैं. किसानों को अधिकतम पांच एकड़ खरीफ फसलों के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावे किसानों को सिंचाई के लिए बिजली व नहरों से भी सिंचाई व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी.