पटना/ मुजफ्फरपुर. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर के डीटीओ रजनीश लाल के मुजफ्फरपुर में आवास व दफ्तर के अलावा पटना की आरएमएस कॉलोनी स्थित तीन फ्लैटों में छापेमारी की. निगरानी ने बताया कि डीटीओ के सुमन कश्यम अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 106 व 604 और आशा डबल डायमंड अपार्टमेंट के एक फ्लैट सहित कुल तीन फ्लैट और मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुर स्थित घर, प्रतिष्ठान और कार्यालय में एक साथ सुबह से देर शाम तक छापेमारी की गयी.
इस दौरान कुल 51 लाख कैश, 60 लाख से अधिक कीमत के सोने-चांदी के आभूषण, करोड़ों की जमीन के कागजात, बैंक व एलआइसी में निवेश और लॉकर के कागजात बरामद किये गये. घर से एक लाइसेंसी पिस्टल बरामद होने की बात भी सामने आयी है. दरअसल, पटना स्थित निगरानी मुख्यालय में रजनीश लाल के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही थी.
शिकायत के बाद 22 जून को ही उनके खिलाफ निगरानी ने प्राथमिकी (नंबर 23/21) दर्ज की. इसके बाद निगरानी की ओर से गुरुवार की सुबह से ही पटना व मुजफ्फरपुर में एक साथ छापेमारी शुरू की गयी. मुख्यालय के अनुसार टीम की छापेमारी और कार्रवाई देर शाम तक जारी रही. निगरानी की ओर से बताया गया कि बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रजनीश लाल नौ मार्च, 1999 से सरकारी सेवा में हैं. इसके बाद से अब तक एक करोड़ 24 लाख 52 हजार 147 की वैध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ निगरानी की ओर से मामला दर्ज किया गया है.
डीटीओ ने तीन मार्च, 2021 को घोषित संपत्ति के विवरण में पटना में एक ही फ्लैट होने का जिक्र किया है. कंकड़बाग के सुमन अपार्टमेंट में 1200 वर्गफुट के फ्लैट की कीमत 50 लाख बतायी है, जबकि उसी अपार्टमेंट में निगरानी को उनका दूसरे फ्लैट नंबर 604 होने की जानकारी मिली है. इसके अलावा आशा डबल डायमंड अपार्टमेंट में भी उनका फ्लैट है.
विवरणी में डीटीओ ने अपने बैंक एकाउंट में 23 लाख और पत्नी राखी लाल के खाते में 7.50 लाख,पति-पत्नी के साथ तीनों बच्चों के हाथाें में कुल 5.55 लाख नकदी होने का जिक्र है.
पटना स्थित आवास से एक फ्लैट से 41 लाख और दूसरे फ्लैट से 10 लाख के आसपास नकदी मिली थी. एक बैग से पांच-पांच सौ नाेट के बंडल देख निगरानी के अधिकारी चौंक गये थे. बताया जाता है कि नोटों काे गिनने के लिए एक बैंक से मशीन मंगानी पड़ी.
आरोपित डीटीओ रजनीश लाल ने कहा कि मेरे घर से बरामद रुपये मेरे एक परिचित के हैं, जबकि सोना मेरी मां का है. मां की शादी के समय एक हजार के भर सोना मिलता था. निगरानी ने वर्तमान समय के अनुसार सोने की कीमत लगायी है. कोर्ट में मैं सारे साक्ष्य रखूंगा.
रजनीश लाल गोपालगंज के विजयपुर थाने के महुआवा गांव के रहने वाले हैं. दो फरवरी, 2020 को उन्होंने मुजफ्फरपुर डीटीओ कार्यभार संभाला था. इससे पहले सुपौल के डीटीओ थे. वहीं, नौ मार्च, 2021 को उन्हें सारण के डीटीओ का प्रभार मिला था.सूत्रों की मानें तो बालू आदि के वाहनों की जांच और अन्य मामलों से पैसा बनाने की बात सामने आ रही है. वहीं निगरानी की ओर से बताया गया कि डीटीओ की ओर से दी गयी वार्षिक संपत्ति विवरणी में निवेशों का उल्लेख नहीं है.
जनवरी में कांटी पुलिस ने एक गैरेज में छापेमारी की थी. जांच में पुलिस को पता चला कि गैरेज में चोरी की चारपहिया और दोपहिया गाड़ियों की नंबर टेंपरिंग कर उसके जाली कागजात बनाकर खरीद- बिक्री की जाती है. इसमें जिला परिवहन कार्यालय के कई कर्मियों की भी संलिप्तता का भी पता चला था. पुलिस ने इस मामले में एक क्लर्क समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
इस दौरान डीटीओ रजनीश लाल के कार्यकाल में भी एक नंबर की दो गाड़ियों में रजिस्ट्रेशन करने का मामला सामने आया था. एक नंबर पीबी और दूसरा नंबर जीसी सीरीज का था. आरोप यह है कि कार्यालय का नाम पुलिस और मीडिया में न उछले, इसको लेकर डीटीओ कार्यालय दोनों गाड़ियों के वाहन मालिकों को आपस में बैठा कर एक गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करके मामले को सलटा दिया गया था.
Posted by Ashish Jha