पटना. राज्यभर के सभी जिलों में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर है. बागमती मुजफ्फरपुर-दरभंगा सीमा के बेनीबाद और खगड़िया जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. किशनगंज और अररिया जिले की नदियों में जलस्तर बढ़ने से खेतों और घरों में पानी घुस चुका है. पूर्णिया जिले में महानंदा नदी में उफान की वजह लोग ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं. किशनगंज जिले में कई नदियां उफान पर हैं.
पूर्वी चंपारण जिले में सभी नदियों के जल स्तर मे काफी वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिसमें सर्वाधिक वृद्धि गंडक नदी मे दर्ज की गई है. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी के डाउनस्ट्रीम में गुरुवार सुबह 10 बजे 2 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने के बाद डुमरियाघाट मे गंडक का पानी का निर्धारित खतरे के निशान 62.02 मीटर को पार कर 62.28 मीटर पर बह रही है. इसके कारण संग्रामपुर-अरेराज और केसरिया प्रखंड के निचले इलाको मे पानी भर गया है. जिला आपदा कंट्रोल रूम के प्रोग्राम अधिकारी गोंविद कुमार से मिली जानकारी के अनुसार लालबकेया नदी गुआबारी मे निर्धारित खतरे के निशान 71.12 मीटर से नीचे 71.00मीटर पर बह रही है. बूढी गंडक लालबेगिया में निर्धारित खतरे के निशान से 63.195 मीटर से नीचे 57.45 मीटर पर बह रही है. बागमती नदी निर्धारित खतरे के निशान 61.28 मीटर को पार कर 61.87 मीटर पर बह रही है. जिस कारण मोतिहारी शिवहर पथ पूरी तरह बाधित हो गया है.
अररिया जिले में लोहंदरा नदी उफान पर है. इसका पानी खेतों में घुस गया है. कुर्साकांटा प्रखंड के रहटमीना, सौरगांव, तमकुड़ा, पलासमणि समेत कई गावों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. जोकीहाट से बहने वाली बकराव और परमान नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. किशनगंज जिले की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने से ठाकुरगंज पोठिया, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ में जमीन का कटाव हो रहा है. दक्षिण बिहार के नवादा जिले में रोह में कुंज-गोसाई विगहा के बीच सकरी नदी में नवनिर्मित पुल का डायवर्सन बह जाने से 6 पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.