पटना. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश की वजह से उत्तर बिहार की नदियों में मंगलवार को उफान आ गया. बारिश की वजह से कोसी-गंडक, बागमती, महानंदा सहित दर्जनों नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. सीमावर्ती नेपाल के विभिन्न इलाकों में सोमवार की रात से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जो मंगलवार को भी जारी है. बारिश का असर अगले 24 घंटे में गंडक नदी में दिखने लगेगा. वाल्मीकिनगर गण्डक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा आज नदी में 1 लाख 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. लिहाजा प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ की संभावना को लेकर अलर्ट कर दिया है.
मंगलवार की सुबह गंडक नदी के जलस्तर में एकाएक बढ़ोतरी देखने को मिली है. फिलहाल नेपाल से होकर बिहार सीमा में प्रवेश करने वाली नारायणी गंडक नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ने लगा है. बारिश को देखते हुए जल संसाधन विभाग सतर्क हो गया है और नेपाल के बारिश पर नजर बनाए हुए है. जैसे-जैसे नेपाल में बारिश होगी वैसे वैसे गंडक नदी का जलस्तर बढ़ता चला जाएगा. नेपाल में जब भी भारी बारिश होती है उसका असर अगले 24 घंटे के बाद बगहा, बेतिया, गोपालगंज, मोतिहारी आदि जिलों में दिखने लगता है. नेपाल मौसम विभाग के मुताबिक, सामान्य से अधिक बारिश के आसार हैं. एहतियात के तौर पर गंडक बराज के कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं. अभियंताओं की टीम चौकस है.
दूसरी ओर नेपाल से सटे अररिया जिले में लगातार हो रही बारिश से जिले की सभी नदियां उफान पर है. परमान, कनकई, रतुआ,नूना,सुरसर आदि नदी के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है. जिससे ग्रामीण बाढ़ की आशंका को लेकर सहमे हुए है. नदियों का पानी कई स्थानों पर निचले इलाकों में फैलने लगा है. जिससे लीग भयाक्रांत हैं और बाढ़ से निबटने की अपनी तैयारी में जुट गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से नदियों के बढ़ते जलस्तर ओर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. डीएम इनायत खान ने सभी जिले और प्रखंड के अधिकारियों को हरेक स्तर पर नजर बनाये रखने का निर्देश दी है. जिला प्रशासन का दावा है कि किसी भी हालात से निबटने के लिए जिला प्रशासन की पूरी तैयारी है और आपदा के समय किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.
पूर्णिया जिले के अमौर में कनकई नदी के कटाव से लोग सहमे हुए हैं. डहूवाबाड़ी पंचायत के तालबारी महादलित टोला वार्ड-10 एवं 13 के लगभग दो सौ परिवारों के घरों में नदी कटाव का खतरा मंडराने लगा है. एकमात्र सड़क मार्ग नदी में विलीन होने और पुल ध्वस्त हो जाने के कारण आवागमन बाधित हो गया है.अमौर के हाट बाजार प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक जाने के लिए करीब तीन किलोमीटर अतिरिक्त पैदल चलकर मुख्य सड़क पर पहुंचने को विवश हैं. भूमिहीन लाचार ग्रामीणों ने भीषण कटाव को रोकने तथा स्थायी समाधान की मांग जिला प्रशासन से की है.