कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से अब तक 150 से अधिक घर पानी समाये, सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे पीड़ित
दुबियाही पंचायत के बेलगोठ गांव में लगे कटाव से डेढ़ सौ से अधिक घर नदी में विलीन होने की जानकारी मिली है. पीड़ितों के समक्ष रहने व खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. कोसी प्रभावित पंचायतों में लोगों के सैकड़ों एकड़ खेत में पानी घुसने से मूंग एवं धान का बिछड़ा खराब हो रहा है.
किसनपुर. कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही कोसी के अंदर बसने वाले गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. वहीं खेतों में लहलहाती फसल डूबने लगी है. घर-आंगन में पानी के घुसने से लोग परेशान हैं. दुबियाही के बेलगोठ में विगत दस दिनों के अंदर 80 परिवार के 150 घर से अधिक घर कोसी में विलीन हो गये हैं. वहीं मौजहा-किशनपुर सड़क के बाढ़ के पानी से ध्वस्त होने की जानकारी मिलने पर राजद के राष्ट्रीय सचिव यदुवंश कुमार यादव ने कहा कि किसनपुर से मौजहा जाने वाली सड़क में जगह जगह कटाव लग जाने से आवागमन बाधित हो गया. वहीं दर्जनों लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की समस्या बढ़ गयी है.
सैकड़ों एकड़ खेत में पानी घुसने से मूंग व धान का बिछड़ा खराब
दुबियाही पंचायत के बेलगोठ गांव में लगे कटाव से डेढ़ सौ से अधिक घर नदी में विलीन होने की जानकारी मिली है. पीड़ितों के समक्ष रहने व खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. कोसी प्रभावित पंचायतों में लोगों के सैकड़ों एकड़ खेत में पानी घुसने से मूंग एवं धान का बिछड़ा खराब हो रहा है. जहां प्रशासन द्वारा अब तक राहत व बचाव कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है. जबकि बेलगोठ में गत वर्ष 51 घर जल प्लावित हो गये थे. जिसको देखते हुए प्रशासन को बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत उक्त जगह पर क्रेटिंग करानी चाहिए थी. लेकिन प्रशासन उक्त गांव वालों को भगवान भरोसे छोड़ दिया.
बेलगोठ गांव के वासिंदों का घर कोसी के गर्भ में समाया
आज बेलगोठ गांव के वासिंदों का घर कोसी के गर्भ में समा चुका है. जो कुछ घर बचा हुआ है, उस घर को भी कोसी अपने में सामने को आतुर हैं. पूर्व विधायक सह राजद के राष्ट्रीय सचिव श्री यादव ने जिला प्रशासन से अविलंब स्थलीय जांचोपरांत संबंधित को राहत उपलब्ध कराने, पीड़ित परिवार को पुनर्वासित कराने व आगे क्षति नहीं हो, इसके लिए क्रेटिंग कराने की मांग की है. उन्होंने फसल क्षति का आकलन कर किसानों को उचित मुआवजा देने एवं क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत करवाकर अविलंब आवागमन बहाल करने का भी आग्रह किया है.
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कोसी नदी के जलस्तर में उछाल के बाद आयी कमी
मानसून काल प्रारंभ होते ही कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. शनिवार को नदी के जलस्तर एक बार फिर उछाल देखा गया. दिन के 12 बजे कोसी का डिस्चार्ज बढ़ कर 01 लाख 78 हजार 145 क्यूसेक हो गया. लेकिन दिन ढलने के साथ ही नदी के जलस्राव में कमी आने लगी. शाम 06 बजे वीरपुर स्थित कोसी बराज पर नदी का कुल डिस्चार्ज 01 लाख 47 हजार 435 क्यूसेक दर्ज किया गया. वहीं नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज 80 हजार क्यूसेक अंकित किया गया. जो नदी के जलस्तर में कमी आने का संकेत दे रहा था.
कोसी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की बढ़ी परेशानी
कोसी नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव होने को लेकर तटबंध के अंदर के लोगों को परेशानी बढ़ने लगी है. तटबंध के अंदर ढोली और बनैनिया पंचायत हर साल पूर्ण रूप से प्रभावित होता है. जबकि भपटियाही और लौकहा पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित होता है. तटबंध के अंदर के लोग कोशी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण बाढ़ आने की चिंता सताने लगी है. वहीं तटबंध के अंदर के लोग ऊंचे स्थान पर पलायन करने लगे हैं. हर साल तटबंध के अंदर के लोगों को बाढ़ के मौसम में अपना भोजन के साथ साथ पशु चारा के भी गंभीर समस्या उत्पन्न होती है. सीओ जयराम प्रसाद सिंह ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव हुआ है. फिलहाल किसी प्रकार की खतरा नहीं है. बाढ़ पूर्व की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है.
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