Bihar Land Survey: इस वजह से जमीन सर्वे के लिए किये जा रहे आवेदन नहीं हो रहे अपलोड, विभाग ने बताया सबकुछ
Bihar Land Survey: जमीन सर्वे के लिए किये जा रहे आवेदन में समस्या आ रही है. कभी आवेदन अपलोड हो रहे हैं और कभी-कभी कई दिनों तक अपलोड नहीं हो रहे हैं. इसके पीछे की वजह विभाग ने बता दी है. जानिए विभाग ने क्या कहा है?
Bihar Land Survey: राज्य में जमीन सर्वे सहित राजस्व संबंधी मामलों को लेकर हर जिले के लिए डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है. इस डाटा बैंक में जमीन सर्वे के लिए किये गये आवेदन सहित सभी तरह की प्रक्रिया की जानकारी सुरक्षित रखी जायेगी. इसके साथ ही सभी तरह के राजस्व दस्तावेजों को भी सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी. इससे जमीन सर्वे सहित राजस्व संबंधी मामलों को लेकर ऑनलाइन सेवाओं में आने वाली आमलोगों की परेशानियां दूर हो सकेंगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एनआइसी के साथ मिलकर इस पर मंथन शुरू कर दिया है. विभाग की एक तकनीकी टीम को नयी दिल्ली स्थित एनआइसी मुख्यालय भेजा गया है. अब बहुत जल्द नयी व्यवस्था लागू कर दी जायेगी.
सर्वर में मिली जगह कम पड़ी
सूत्रों के अनुसार, इस समय राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ऑनलाइन और ऑफलाइन सेवाओं के लिए एनआइसी के सर्वर में जो जगह दी गई है, वह जगह कम पड़ गयी है. यही कारण है कि जमीन सर्वे के लिए किये जा रहे आवेदन कभी अपलोड हो रहे हैं और कभी-कभी कई दिनों तक अपलोड नहीं हो रहे हैं. इसके साथ ही राजस्व मामलों को लेकर विभाग की कई सेवाएं भी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं. इससे आमलोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही आमलोगों को सहज रूप से ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराने की विभाग का प्रयास भी अधूरा है.
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लापरवाही करने वाले अधिकारी नपेंगे
‘परिमार्जन प्लस’ पोर्टल पर लंबित मामलों के समाधान में किसी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों या कर्मियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई होगी. यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं को दिया. पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में जानकारी मिली कि राज्य में ‘ परिमार्जन प्लस’ पोर्टल पर सात जनवरी, 2025 तक डिजिटाइज्ड जमाबंदी के मामले में पांच लाख 85 हजार 731 और छूटे हुए जमाबंदी के मामले में छह लाख 12 हजार 144 आवेदन लंबित हैं. इसे लेकर विभाग की तरफ से अंचल स्तर पर एक विशेष अभियान चलाकर तीन माह से अधिक समय से भूमि परिमार्जन लंबित मामलों का समाधान एक महीने में करने का निर्देश दिया गया है.