ट्रेनों में महिलाओं की सहायता के लिए तैनात होगी ‘दुर्गा’, रेलवे ने चयन के लिए शुरू होगी प्रक्रिया
ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिलाओं व छात्राओं को सुरक्षा देने के लिए अब महिला ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीइ) दुर्गा का रूप धारण करेंगी. मंडल रेल प्रशासन दुर्गा टीम बनाने के लिए शीघ्र ही महिला टीटीइ का चयन करेगा. दुर्गा टीम महिला यात्रियों को सुरक्षा के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायेगी.
मुजफ्फरपुर. रेलवे महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्पर है. रेलवे हर संभव प्रयास करता है कि महिला यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो. ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिलाओं व छात्राओं को सुरक्षा देने के लिए अब महिला ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीइ) दुर्गा का रूप धारण करेंगी. मंडल रेल प्रशासन दुर्गा टीम बनाने के लिए शीघ्र ही महिला टीटीइ का चयन करेगा. दुर्गा टीम महिला यात्रियों को सुरक्षा के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायेगी.
आरपीएफ ने सहेली टीम का गठन किया
रेलवे के अधिकारी ने कहा कि ट्रेन में अकेली यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने सहेली टीम का गठन किया है. जिस स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, उस स्टेशन पर आरपीएफ की सहेली टीम की सदस्य अकेली महिला से संपर्क करती हैं. इसके बावजूद महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में पुरुष यात्री सवार हो जाते हैं. इससे अकेली यात्रा करने वाली महिलाओं को कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है. दुर्गा टीम में युवा महिला टीटीइ को रखा जाना है, जो ट्रेनों में टिकट की चेकिंग करने के साथ-साथ महिलाओं की सहायता भी करेंगी.
महिला कोच में घुसे पुरुष यात्रियों से जुर्माना वसूलेंगी
कई बार महिला कोच में अगर पुरुष घुस जाते हैं, तो टीम वैसे पुरुष यात्रियों से जुर्माना वसूलेगी और कोच भी खाली करायेगी. अगर कोई महिला अपने छोटे बच्चे के लिए दूध आदि की मांग करती है, तो अगले स्टेशन पर वेंडरों के माध्यम दूध व पानी भी उपलब्ध करायेगी. किसी बुजुर्ग महिला को ऊपर की बर्थ मिल गयी है, तो नीचे की बर्थ वाले यात्रियों से वार्ता कर नीचे की बर्थ उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगी.
महिलाओं में खुशी
रेलवे के इस प्रयास से महिलाओं को काफी राहत मिलेगी. अमूमन देखा जाता है कि अकेली सफर करनेवाली महिलाओं के लिए रेलवे के पुरुष कर्मचारी बहुत सहायक नहीं बनते हैं. महिलाओं की परेशानियों को वो नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में दुर्गा से महिलाओं को काफी उम्मीद है. महिलाओं का कहना है कि रेलवे का यह कदम बहुत ही अच्छा है.