Durga Puja 2020 को लेकर प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइन, इन नियमों का पालन करना होगा ‘अनिवार्य’
Durga Puja 2020 guidelines : दुर्गापूजा आयोजन को लेकर जिला शांति समिति की बैठक डीएम डॉ त्यागराजन एसएम व एसएसपी बाबू राम की संयुक्त अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय परिसर में हुई. डीएम ने शांति समिति के सदस्यों को कहा कि दुर्गापूजा में बड़ी संख्या में लोग पंडाल, मंडप, मंदिर, शिवालय आदि स्थानों पर एकत्रित होते हैं.
Durga Puja 2020 : दुर्गापूजा आयोजन को लेकर जिला शांति समिति की बैठक डीएम डॉ त्यागराजन एसएम व एसएसपी बाबू राम की संयुक्त अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय परिसर में हुई. डीएम ने शांति समिति के सदस्यों को कहा कि दुर्गापूजा में बड़ी संख्या में लोग पंडाल, मंडप, मंदिर, शिवालय आदि स्थानों पर एकत्रित होते हैं. इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के निर्गत निर्देशों का पालन सख्ती से कराया जाना आवश्यक है.
गृह विभाग(विशेष शाखा) की ओर से कंटेनमेंट जोन के बाहर दुर्गा-पूजा आयोजन के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश जारी किया गया है. निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जायेगा कि पूजा संबंधी किसी कार्यक्रम से चुनाव आचार संहिता एवं भारत निर्वाचन आयोग के किसी निर्देश का उल्लंघन न हो. वहीं एसएसपी ने कहा कि पूर्व में भी आप सभी का सहयोग मिलता रहा है, जब तक बंदिश है जो निर्देश दिया गया है उसे हमें अनुपालन करना होगा. सरकार ने समाज के हित में जो निर्णय लिया है, उसका शत-प्रतिशत अनुपालन करायें.
सरकार की ओर से जारी निर्देश- दुर्गापूजा का आयोजन मंदिरों में या निजी रूप से घर पर ही किया जाए. मंदिरों में आयोजन के लिए कुछ आवश्यक शर्तों का पालन करना अनिवार्य है. मंदिर में पूजा पंडाल व मंडप का निर्माण किसी विशेष विषय (थीम) पर नहीं किया जाएगा. मंदिर के आसपास कोई तोरण द्वार अथवा स्वागत द्वार नहीं बनाया जाएगा. जिस जगह मूर्तियां रखी गई हैं, उस स्थान को छोड़कर शेष भाग हवादार होना चाहिए. सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) का उपयोग नहीं होगा. इस अवसर पर किसी प्रकार के मेला (फेयर) का आयोजन नहीं होगा.
पूजा स्थल के आसपास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा. किसी प्रकार के विसर्जन जुलूस की अनुमति नहीं दी जायेगी. जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित तरीके से चिन्हित स्थानों पर ही मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा. विसर्जन विजयादशमी (25 अक्टूबर) को ही पूर्ण कर लिया जाना है. वहीं पूजा के दौरान कोई सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा. आयोजकों व पूजा समितियों को किसी रूप में आमंत्रण पत्र जारी नहीं करना है.
मंदिर में पूजा के आयोजकों द्वारा पर्याप्त सैनिटाईजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करना है. कोविड-19 के संक्रमण रोकने के संबंध में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्गत मापदण्ड (प्रोटोकॉल ) का पालन करना अनिवार्य है. पूजा के आयोजकों व उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन हर हाल में करना होगा. इसके अलावा किसी भी सार्वजनिक स्थल, होटल, क्लब आदि पर गरवा, डॉडिया, रामलीला आदि कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा.
Posted By : Avinish Kumar Mishra