बिहार में जगह-जगह मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है. आज यानी 02 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है. इस दिन मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है. आज मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए मंदिरों में सुबह से ही भीड़ लगी हुई है. मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त नवरात्रि के सांतवें दिन विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. मंदिरों के बाहर फूलों की दुकानें भी सजी है.
शारदीय नवरात्र को लेकर इन दिनों फूलों की डिमांड बढ़ गयी है. गेंदा और अड़उल की फूल सामान्य दिनों के अपेक्षा महंगे दर पर बिक रहे हैं. गेंदा का एक माला 30 से 40 रुपये में मिल रहा है. वही एक अड़उल का फूल 20 रुपये में मिल रहा है. आज सुबह से जय माता दी के जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा. मंदिरों, पूजा पंडालों तथा घरों में विधिवत पूजा, अर्चना व आरती की गयी. इस दौरान शंखनाद और घंटा घड़ियाल से पूरा वातावरण भक्ति में हो गया है. नवरात्र के सप्तमी तिथि रविवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विभिन्न जगहों पर पूजा पंडालों में स्थित मां दुर्गा का पट श्रद्धालुओं व भक्तों के दर्शन के लिए खुल गया है. इसके साथ ही प्रसाद वितरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.
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बक्सर जिले के डुमरांव में शारदीय नवरात्र के सातवें दिन रविवार को ढोल-नगाड़े और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां दुर्गा-भवानी का पट खुल गया. देर शाम को मां कालरात्रि के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी. श्रद्धालु शहर के पूजा-पंडालों में मां का दर्शन कर अपने परिजनों के सुख-शांति के लिए आर्शीवचन मांगेंगे. पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं की भीड़ सभी पूजा-पंडालों पर दर्शन के लिए आनी शुरू हो गयी है. शहर के सभी पूजा-पंडाल रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग हो गया है. लाइटिंग से अधिकांश पंडाल की खूबसूरती श्रद्धालु अपने आंखों से निहार रहे है. शाम ढलते ही सभी पूजा-पंडालों पर श्रद्धालु सपरिवार बच्चों के साथ पहुंचेंगे और पूजा-अर्चना करेंगे.