Durga puja 2022: Navratri में Maa Durga के कौन से रूप की पूजा से मिलता है किस ग्रह दोष से मुक्ति, जानें
Durga puja 2022: Navratri में Maa Durga के दरबार में 'विजयश्री' के लिए नवरात्र में विशेष 'अनुष्ठान' की तैयारी हो रही है. आचार्यों व पुरोहितों के बताये अनुसार थावे में तैयारी हो रही है. पूजा से ग्रह दोष से मिलता मुक्ति है.
गोपालगंज( चितरंजन उपाध्याय ). Durga puja 2022- बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में नवरात्र इस बार काफी खास होने जा रहा है. नगर निकाय चुनाव के बीच नवरात्र है. इस वर्ष 26 से चार अक्तूबर तक नवरात्र है. प्रत्याशियों के विजयश्री की कामना को लेकर नवरात्र में विशेष अनुष्ठान की तैयारी चल रही है. मां की कृपा बनी रहे, इसके लिए आचार्य व पुरोहित अपने यजमान की खातिर अनुष्ठान की तैयारी कर रहे हैं. इस वर्ष गोपालगंज के अलावा सीवान, छपरा, पूर्वी चंपारण, पं चंपारण, सीमामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, वैशाली के भी कई नगर निकायों के प्रत्याशियों के लिए अनुष्ठान की तैयारी चल रही है. थावे में मां के श्रीचरणों में जीत की खातिर कामना की जायेगी.
‘भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती रही हैं’
थावे मंदिर के मुख्य पुजारी पं सुरेश पांडेय ने बताया कि मां की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती रही हैं. यहां जो भी आया, खाली हाथ नहीं लौटा है. जिन पर मां की कृपा होगी, उनकी बिगड़ी भी बन जाती है. मां की कृपा से विजय श्री पहले भी कई दिग्गजों को मिलती रही है. इस वर्ष तो विशेष अनुष्ठान के लिए यहां व्यापक तैयारियां हो रही हैं.
होटल व धर्मशाला हुए फुल
चुनाव के कारण नवरात्र में थावे के प्रमुख होटल, धर्मशाला की बुकिंग हो चुकी है. अनुष्ठान के लिए आचार्यों को जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है. आचार्य पं मुन्ना तिवारी ने बताया कि थावे के साथ ही कई उम्मीदवारों की जीत के लिए विंध्याचल में भी अनुष्ठान कराया जा रहा है.
नामांकन से पहले भी मां के किये दर्शन
थावे में मां के दर्शन के साथ ही अधिकतर उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया था. मां के दर्शन के बाद सीवान, सारण व गोपालगंज के प्रत्याशी जीत की कामना के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं. थावे मंदिर की रौनक भी बढ़ी है.
Durga puja 2022- नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से लाभ
Durga puja- तिथि नवरात्रि दिन पूजा-अनुष्ठान
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26 सितंबर प्रतिपदा देवी शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष समाप्त होता है.
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27 सितंबर द्वितीया देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से मंगल दोष खत्म होता है.
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28 सितंबर तृतीया देवी चंद्रघंटा पूजा से शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ता है.
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29 सितंबर चतुर्थी मां कूष्माण्डा की पूजा से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है.
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30 सितंबर पंचमी देवी स्कंदमाता की पूजा से बुध ग्रह का दोष कम होता है.
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01 अक्तूबर षष्ठी देवी कात्यायनी की पूजा से वृहस्पति ग्रह मजबूत होता है.
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02 अक्तूबर सप्तमी देवी कालरात्रि की पूजा से शनि दोष खत्म होता है.
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03 अक्तूबर अष्टमी देवी महागौरी की पूजा से राहु का बुरा प्रभाव खत्म होता है.
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04 अक्तूबर नवमी देवी सिद्धिदात्री की पूजा से केतु का असर कम होता है.