Durga Puja: मूर्ति निर्माण सामग्री की बढ़ी कीमत, आस्था पर भारी महंगाई, जानें क्या कह रहे मूर्तिकार

Durga Puja 2022: दुर्गा पूजा 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है और 5 अक्टूबर दिन बुधवार तक रहेगा. नवरात्रि में भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करेंगे. शहर में पूर्तिकार मां दुर्गा के अंतिम स्वरूप देने में लगे हुए है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2022 3:05 PM
an image

Durga Puja 2022: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने में कुछ ही दिन बाकि है. इस बार दुर्गा पूजा 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है और 5 अक्टूबर दिन बुधवार तक रहेगा. नवरात्रि में भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घरों में कलश स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा की जाती है. भक्त भव्य पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर नौ दिन धूमधाम से पूजा अर्चना करते है. बिहार की राजधानी पटना में पंडाल बनाने का काम शुरू हो गया है. अबकी बार पटना में एक से बढ़कर एक पंडाल दिखेगा.

मूर्ति निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ी

पिछले दो सालों में मूर्ति निर्माण सामग्री की कीमत में 25 फीसदी से अधिक का इजाफा हो गया है. इसके कारण मूर्तियों की लागत बढ़ गयी है, लेकिन उस अनुपात में मूर्तियों की कीमत नहीं बढ़ी है और न ही मेहनताना. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार प्रति मूर्ति पर लगभग एक से दो हजार रुपये अधिक खर्च करने पड़ेंगे. मां दुर्गा पूजा के लिए छोटी-बड़ी तीन दर्जन से अधिक प्रतिमाएं बनायी जा रही है. जबकि पिछली बार दो दर्जन प्रतिमाएं बनायी गयी थी. -सुनील पंडित, मूर्तिकार, बेलवरगंज

पूजा आयोजन पर पड़ा महंगाई का असर

महंगाई का असर पूजा आयोजन पर सीधा पड़ा हुआ है. हर चीज महंगी हो गयी है. पिछले वर्ष पंडाल, प्रतिमा और सजावट पर छह लाख रुपये का खर्च हुआ था. इस वर्ष आठ लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. इससे अधिक खर्च पंडाल और प्रतिमा के निर्माण पर बढ़ा है. -बृज भूषण प्रसाद, अध्यक्ष, श्रीश्रीदुर्गा पूजा समिति आदि शक्ति युवा मंच

Also Read: Durga Puja: मां दुर्गा की मूर्ति को फाइनल टच देने लगे मूर्तिकार, अबकी खास स्वरूप दिखाएंगे बंगाल के कारीगर
एक मूर्ति को तैयार करने में लगता है एक माह का समय

महंगाई का असर तो मूर्तिकारों पर सीधा पड़ा है. इसी में सामंजस्य बनाकर चलना है. महंगाई के अनुसार मूर्ति का निर्माण दर बढ़ा है. लेकिन उस अनुपात में नहीं बढ़ा है, जितनी बढ़नी चाहिए. पहले एक कलाकर को 1600 से 1800 रुपया प्रति दिन देते थे. आज उन्हें 2000- 2200 रुपये देना पड़ रहा है. एक मूर्ति को तैयार करने में लगभग एक माह का वक्त लगता है. – विकास राज, मूर्तिकार, मुंगेर

मेहनत के अनुसार पेमेंट नहीं मिल रहा

कलाकार को मेहनत के अनुसार पेमेंट नहीं मिल पा रहा है. कोरोना काल में तो काम बहुत कम हुआ था. इस बार भी आयोजक कम ही भुगतान कर रहे हैं. आयोजक का कहना है कि कोरोना का असर चंदा पर पड़ा है. इसलिए अधिक भुगतान नहीं कर सकेंगे. यही हाल रहा तो बंगाल के कलाकार पटना आना छोड़ देंगे. -संजीव पाल, मूर्तिकार, पश्चिम बंगाल

Exit mobile version