Durga Puja 2022: सिद्धपीठों में शामिल है भगवती वाणेश्वरी मंदिर, सच्चे मन से मांगी हर मुराद होती है पूरी

Durga Puja 2022: दरभंगा के भंडारीसम-मकरन्दा स्थित वाणेश्वरी भगवती सिद्धपीठों में शामिल है. माता के दरबार में सच्चे मन से अर्जी लगाने वालों की मुराद पूरी होती है. वाणेश्वरी भगवती बालिका से भगवती रूप लेने के कारण विख्यात हैं. सालोंभर साधक यहां अपने मनोवांछित कामना को लेकर आते रहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2022 5:30 AM

Durga Puja 2022: दरभंगा के भंडारीसम-मकरन्दा स्थित वाणेश्वरी भगवती सिद्धपीठों में शामिल है. माता के दरबार में सच्चे मन से अर्जी लगानेवालों की मुराद पूरी होती है. वाणेश्वरी भगवती बालिका से भगवती रूप लेने के कारण विख्यात हैं. सालोंभर साधक यहां अपने मनोवांछित कामना को लेकर आते रहते हैं. धरातल से सात से 10 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित वाणेश्वरी परिसर को स्थानीय लोग डीह के नाम से भी पुकारते हैं. पालकालीन देवी बाणेश्वरी के संबंध में कहा जाता है कि कोलिक पुजारी मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल के दौरान शासक वर्ग के अत्याचार से मर्माहत कवि बाण की अति सुंदरी पुत्री वाणेश्वरी द्वारा प्रस्तर रूप धारण कर लिया गया. बाद में मंदिर से सटे पूरब दिशा के तालाब से देवी वाणेश्वरी की प्रस्तर मूर्ति निकालकर डीह पर पीपल के पेड़ के नीचे रख लोगों द्वारा पूजा-अर्चना की जाने लगी. कहा जाता है कि वह पीपल का पेड़ अभी भी है.

महारानी लक्ष्मी ने मां भगवती की पूजा कर मांगा पुत्र

जानकारी के अनुसार दरभंगा के महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह की पत्नी महारानी लक्ष्मी ने मां भगवती की पूजा-अर्चना कर पुत्र की मांग की. मन्नत पूरी होने पर वर्ष 1872 में इस स्थान पर उन्होंने भव्य मंदिर का निर्माण कराया, जो वर्तमान में भी है. मंदिर में स्थापित काले पत्थर की मूर्ति पुरातात्विक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण की जाती है. वैसे तो इस मंदिर में बारहो मास दूर-दराज से लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र व रामनवमी को यहां काफी भीड़ जुटती है. दूर-दूर से भक्त सिमरिया से कांवर लेकर गंगाजल अर्पित कर भगवती की पूजा करते हैं.

तंत्र साधना के  लिए आते हैं लोग

पुजारी प्रवीण पाठक बताते हैं कि तंत्र साधना के लिए लोग सालों भर यहां आते हैं. खासकर नवरात्रा में यह संख्या काफी बढ़ जाती है. वहीं वाणेश्वरी न्यास समिति के सचिव संजीव कुमार झा ने बताया कि पर्यटन विभाग से 65 लाख की लागत से भवन निर्माण कार्य भी किया गया है. पर्यटन विभाग के सांस्कृतिक कैलेंडर की सूची में वाणेश्वरी महोत्सव को शामिल करने की प्रमुख मांग है. वहीं पूर्व पर्यटन मंत्री जीवेश कुमार ने वाणेश्वरी न्यास समिति को पत्र लिखकर कहा है कि इसे जल्दी ही पर्यटन कैलेंडर में शामिल कर लिया जायेगा.

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