दुर्गोत्सव पर न लगेगा मेला, न बनेगा पंडाल, मूर्तिकार की रोजी पर छाया संकट
बिहारशरीफ : कोविड-19 को लेकर इस बार शहर में दुर्गापूजा का मेला नहीं लगेगा. सड़कों पर भक्तों की भीड़ नहीं जुटेगी. दुर्गापूजा की भव्यता नालंदा में देखने को मिलती है. बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि कई दशकों से यह धार्मिक अनुष्ठान पूरे जिले में आयोजित होता रहा है. हालांकि इस बार कोरोना काल में दुर्गापूजा फीका रहेगा. यूं तो करीब एक महीने बचे हैं.
बिहारशरीफ : कोविड-19 को लेकर इस बार शहर में दुर्गापूजा का मेला नहीं लगेगा. सड़कों पर भक्तों की भीड़ नहीं जुटेगी. दुर्गापूजा की भव्यता नालंदा में देखने को मिलती है. बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि कई दशकों से यह धार्मिक अनुष्ठान पूरे जिले में आयोजित होता रहा है. हालांकि इस बार कोरोना काल में दुर्गापूजा फीका रहेगा. यूं तो करीब एक महीने बचे हैं.
दुर्गोत्सव की तैयारियां कलश स्थापना के साथ की जाती है. कोरोना महामारी के चलते दुर्गोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर अनिश्चितताएं बनी हैं. ऐसे में प्रतिवर्ष लाखों खर्च करके एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बनाने वाले आयोजक गुमसुम बैठे हैं. कोरोना की वजह से इस वर्ष दुर्गोत्सव पर न मेला लगेगा, न भव्य पंडाल बनेगा और न ही धूमधाम के साथ पूजा का आयोजन होगा.
ऐसे में बच्चे अभी से मायूस हैं. त्योहार से पहले का उत्साह फीका है. हालांकि नवरात्र को लेकर कलश स्थापना घरों में की जायेगी. इंस्पेक्टर सह नगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि इस बार कोरोना को लेकर शहर सहित पूरे जिले में दुर्गापूजा को लेकर पंडालों का निर्माण नहीं किया जायेगा.
मूर्तिकारों के हाथ हैं खाली : इस बार मूर्तिकारों के हाथ खाली हैं. किसी भी पूजा आयोजकों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा निर्माण का ऑर्डर नहीं मिला है. शहर के देवीसराय निवासी व पेशे से मूर्तिकार महेश कुमार बताते हैं कि पिछले वर्ष 25 प्रतिमाएं तैयार की थी. अच्छी आमदनी हुई थी. इस बार मूर्ति का निर्माण कार्य बंद है.
कई बड़े मूर्तिकार व कोलकाता व दूसरे महानगरों से बिहारशरीफ आते थे. इसी तरह पूजा-पंडालों की सजावट व लाइटिंग के रोजगार से संबंध रखने वाले शहर के महल पर निवासी गणेश कुमार भी खासा निराश हैं. कहते हैं कि दुर्गापूजा में होने वाली आमदनी इस बार नहीं होगी.
posted by ashish jha