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Durga Puja Patna: द्वारकाधीश मंदिर की तरह सिपारा में बन रहा पंडाल, मूर्ति बनाने में हो रहा मोतियों का इस्तेमाल

पटना में दुर्गोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. पंडाल स्वरूप लेने लगे हैं. पूजा समितियों की टीम दिन रात काम कर रही है. शहर में पुजा के दौरान विभिन्न तरह के पंडाल देखने को मिलेंगे. हम आपको ऐसे ही कुछ पंडालों के बारे में बता रहे हैं.

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार 15 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है. ऐसे में पटना के विभिन्न इलाकों में दुर्गा उत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी है. यहां बन रहे पंडाल का स्वरूप अब रूप लेने लगा है. पूजा समितियों की टीम दुर्गोत्सव को लेकर दिन-रात काम कर रही हैं. शहर में कई भव्य व आकर्षक पंडाल बनाए जा रहे हैं. सिपारा के एतवारपुर में द्वारकाधीश मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण हो रहा है, तो वहीं आशियाना नगर में कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर जैसा पंडाल बन रहा है.

सिपारा में द्वारकाधीश मंदिर नुमा बन रहा पंडाल

सिपारा के एतवारपुर में इस वर्ष गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण हो रहा है. एतवारपुर दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मुनिल यादव ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर नुमा बन रहे पंडाल में मां दुर्गा विराजेंगी. पंडाल की ऊंचाई 105-110 फुट और चौड़ाई 100 फुट होगी. इसे बनाने के लिए मधुपुर व कोलकाता से 55 लोगों की टीम आयी है. निर्माण कार्य की कमान बप्पी बारीक के हाथों है. इस वर्ष इको फ्रेंडली पंडाल का निर्माण किया जा रहा है.

प्रतिमा बनाने में मोतियों का हो रहा प्रयोग

मूर्ति की विशेषता को लेकर बताया की सभी प्रतिमाओं में मोतियों का काम होगा. मूर्ति कलाकार शक्ति और विश्वास प्रतिमा के निर्माण कार्य में लगे हैं. इनका साथ बंगाल के कलाकार दे रहे हैं. मां दुर्गा और उनके परिवार के अलावा द्वारकाधीश की भी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए गुजरात से मूर्ति कलाकार आये हैं. पंडाल और उसके आस-पास विशेष लाइटिंग की भी व्यवस्था की जायेगी. बंगाल से भी आकर्षक लाइटिंग मंगाने की योजना है.

प्रत्येक दिन विशेष प्रसाद का होगा वितरण

सप्तमी को मां दुर्गा का पट खोल जायेगा. उसके बाद से विजयदशमी तक श्रद्धालुओं के लिए प्रत्येक दिन विशेष प्रसाद का वितरण किया जायेगा. प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को खीर, खिचड़ी और हनुमान मंदिर के नैवेद्यम लड्डू श्रद्धालुओं के बीच बंटेगा. पंडाल के आस-पास सुरक्षा व सफाई की विशेष व्यवस्था होगी. निगरानी के लिए 25 से अधिक सीसीटीवी लगाये जायेंगे.

1997 से समिति स्थापित कर रही मूर्ति

एतवारपुर दुर्गा पूजा समिति वर्ष 1997 से पूजा का आयोजन कराती आ रही है. इस वर्ष समिति 26वीं वर्षगांठ मनायेगी. समिति का इतिहास रहा है कि हर वर्ष इनके द्वारा बनाया गया पंडाल श्रद्धालुओं को बहुत पसंद आता है. कई सारे खिताब समिति के नाम दर्ज हैं.

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आशियाना नगर में कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर जैसा बन रहा पंडाल

शहर के आशियाना नगर फेज-1 स्थित ‘आशियाना नगर दुर्गा पूजा समिति’ इस वर्ष पंडाल की आकृति बंगाल के दक्षिणेश्वर काली मंदिर जैसा बनवा रही हैं. समिति के अध्यक्ष सुगेंद्र सिंह ने बताया कि पंडाल के निर्माण के लिए 15 लोगों की टीम कोलकाता से आयी है. हफ्ते भर से निर्माण कार्य जारी है. इस वर्ष पंडाल की ऊंचाई 40 फुट के करीब होगी और लंबाई 150 फुट होगी.

जगन्नाथ पॉल बना रहें मां की प्रतिमा

मूर्ति को लेकर अध्यक्ष ने बताया कि प्रसिद्ध मूर्ति कलाकार जगन्नाथ पॉल मां की प्रतिमा बना रहे हैं. यह समिति वर्ष 1995 से पूजा का आयोजन करती आ रही है. कॉलोनी सहित आस-पास के लोग पूजा में पूरा सहयोग करते हैं. सुरक्षा को लेकर उन्होंने बताया कि यहां सीसीटीवी से निगरानी की जाती है. अग्निशमन की समुचित व्यवस्था रहती है.

मां के अस्त्र शस्त्र आते हैं कोइलवर से

समिति के सचिव देवेश भगत ने बताया कि मां का वस्त्र बिहार के बाहर से मंगाया जाता है. कोइलवर से पीतल के बने अस्त्र शस्त्र आते हैं. मां की पूजा-अर्चना के लिए वृंदावन से पांच पुरोहित बुलाये जाते हैं. सप्तमी से नवमी तक हर एक दिन अलग-अलग प्रसाद वितरित किया जाता है. जैसे सप्तमी को हलवा, अष्टमी को खीर और नवमी को खिचड़ी.

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