बिहार के मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों के बाद अब प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों में भी दिन में दो बार ओपीडी की सेवा शुरू ही जायेगी. यह जानकारी सदन के बाहर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने दी. इससे पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विधान परिषद में कहा कि मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों में दो पाली में ओपीडी सेवा शुरू होने से मरीज इलाज के बाद रिपोर्ट उसी दिन दिखा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि डायबिटीज और बीपी की तीन दिनों की जगह तीस दिन की दवा मिलेगी. गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड सहित अन्य सभी दवाएं दी जायेंगी. वे वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्ययक पर जवाब दे रहे थे. तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान भाजपा के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार एएनएम और डॉक्टर की गृह जिले में तैनाती का प्रयास कर रही है. इसके लिए एएनएम और हेल्थ मैनेजर का स्टेट कैडर बनाया जाएगा. मरीजों को रेफर करने के लिए रेफरल गाइडलाइन भी तैयार किया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मरीजों को बिना किसी कारण के दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाए. डक्टरों द्वारा आए दिन हो रहे हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी न हो इसलिए इमरजेंसी कैडर भी बनाया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में एक लाख 60 हजार पदों पर नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है, जिसकी शुरुआत राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीज आने से कतराते हैं, जिसको देखते हुए मिशन 60 दिन का टारगेट रखा गया, ताकि सफाई, दवाई, पढ़ाई आदि बाधित न हो सके. इसी टारगेट के तहत अस्पतालों को सुधारने का काम जारी है. उन्होंने कहा कि ममता और आशा का मानदेय बढ़ाने के लिए भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.