Bhagalpur: भागलपुर शहर वाहनों का दबाव वर्षों से झेल रहा है. कभी टेंपो का दबाव, तो कभी टोटो का. पिछले एक वर्ष से इस शहर की सड़कें टोटो से भरती जा रही है. जब इसके आंकड़े की पड़ताल की गयी, तो वह चौंकानेवाली थी. पिछले पांच वर्षों में टोटाे की बिक्री में छह गुणा से अधिक बढ़ोतरी हुई है, जबकि टेंपो की बिक्री में करीब 80 प्रतिशत की गिरावट आयी है. भागलपुर परिवहन कार्यालय में हर दिन रजिस्टर्ड हो रहे टेंपो व टोटो के आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है. वाहनों के बढ़ने के कारण शहर में दुर्घटनाएं बढ़ गयी हैं.
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भागलपुर शहर में परिचालन पर रोक नहीं
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मेंटेनेंस पर मामूली खर्च
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पेट्रोल का झंझट नहीं
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इको-फेंडली
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भागलपुर शहर में परमिट पर रोक
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पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी
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मेंटेनेंस में अधिक खर्च
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प्रदूषण नियंत्रण पर अलग से खर्च
10 अक्तूबर, 2022 को प्रमंडलीय आयुक्त दया निधान पांडेय ने बैठक की थी. नगर आयुक्त को निर्देश दिया था कि तिलकामांझी चौक से 50 मीटर की दूरी तक सभी दिशाओं में नो पार्किंग जोन और नो वेंडिंग जोन बनेगा. लेकिन चौक पर टोटो व टेंपो का खड़ा होना नहीं रोका जा सका. इस चौराहे की चारों सड़कों पर ही नहीं, बल्कि चौक पर ही टोटो-टेंपो सवारी लेने के लिए बेखौफ खड़े रहते हैं. चालकों को पुलिस जवानों का कोई डर नहीं है. पुलिस जवान एक टोटो को भगाते हैं, तब तक पीछे से तीन टोटो आकर खड़ा हो जाता है. यह स्थिति स्टेशन चौक की भी है.
12 सितंबर, 2022 को प्रमंडलीय आयुक्त दया निधान पांडेय ने यातायात के सुगम संचालन में उत्पन्न बाधा (जाम) के निराकरण को लेकर बैठक की थी. चौराहों पर बेवजह वाहन खड़े करने, वन-वे के उलट चलने व बिना परमिट परचालन पर कार्रवाई करने और जुर्माने की वसूली करने का निर्देश दिया था. लेकिन निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा सका. नतीजतन चौराहों पर खड़े रहनेवाले टेंपो-टोटो चालकों को जाम में लगे वाहन हॉर्न बजाते रहते हैं, लेकिन इन पर कोई असर नहीं होता है.
बिना लाइसेंस व परमिट लिये ऑटो व टोटो चालकों और विशेष रूप से डीजल चालित वाहन चालकों व जुगाड़ गाड़ियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ-साथ जुर्माना लगाने का भी निर्देश है, लेकिन मामूली कार्रवाई के कारण कोई भय नहीं रह गया है. भागलपुर में वर्ष 2017 से ही टेंपो परिचालन के लिए परमिट दिये जाने पर रोक लगी हुई है और टेंपो को अधिकतम पांच वर्ष के लिए परमिट दिया जाता है. इस तरह देखें, तो ऐसे टेंपो संभवत: नहीं बचे होंगे जिसके पास भागलपुर शहर में परिचालन की अनुमति हो. बावजूद इसके परिचालन तो हो ही रहा है.
वर्ष : इ-रिक्शा : टेंपो
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2022 : 3880 : 289
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2021 : 1943 : 365
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2020 : 1149 : 963
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2019 : 874 : 1492
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2018 : 609 : 1400
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अब तक : 9033 : 20937
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(आंकड़े स्रोत : सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय)