भागलपुर. शौक व स्टाइल में पूरे दिन कान में इयर फोन लगा कर बाइक से चक्कर लगाने वाले काफी लोग इन दिनों कान की परेशानी को दूर करने के लिए डॉक्टर के क्लिनिक में चक्कर लगा रहे है. दरअसल, ज्यादा समय तक कान में इयर फोन लगाने से किसी को कम सुनाई देने लगा है तो किसी के कान का नस कमजोर हो गया है. कई मरीज तो कान बहने की शिकायत लेकर आ रहे हैं. ऐसे में ज्यादातर मामले में तो परेशान लोगों को कान की मशीन लगाने की सलाह डॉक्टर दे रहे है.
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इएनटी विभाग के एचओडी डॉ एसपी सिंह कहते हैं कि 90 डेसिबल से अधिक आवाज में गाना सुनने या बात करने से कान में परेशानी होती है. ऐसे लोग बहरेपन का शिकार हो जाते है. हमारे कानों की सुनने की क्षमता मात्र 90 डिसिबल होती है.
लगातार इयर फोन से बात करने या गाना सुनने में यह क्षमता कम हो जाती है. जिससे कुछ दिन के बाद लोग कम सुनने लगते है. इसके अलावा तेज आवाज में गाना सुनने से हार्ट बीट तेज हो जाता है. वहीं इयरफोन से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों से दिमाग पर भी असर होता है.
ऊपर से शरीर के मोबाइल रखा होता है. इससे लोग सिर दर्द, या नींद की कमी की समस्या से ग्रसित हो जाते है. वहीं लोग अक्सर अपने इयरफोन का दोस्तों से शेयर करते है. इससे भी कान में संक्रमण होने का खतरा होता है. जिससे कान में इंफेक्शन हो जाता है.
डॉ सिंह कहते हैं कि अस्पताल में रोजाना एक दर्जन इयरफोन की वजह से बीमार होकर इलाज कराने आते है. कई लोगों को पता ही नहीं चलता है की कान का नस कमजोर हो चुका है.
जब सुनने में परेशानी होती है, कान में दर्द होने लगता है आदि समेत अन्य परेशानी होती है तो ये डॉक्टर के पास आते है. ऐसे लोगों को सबसे पहले इयरफोन से दूर रहने की सलाह दी जाती है. कई युवा तो ऐसे भी आये जिनको कम उम्र में सुनने की मशीन लगाना पड़ा.
कान के रोग से बचना चाहते है तो इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचे. कान के अंदर इयरफोन को लगाने से पहले इसे अच्छे से साफ कर ले. ज्यादा वक्त तक इसका प्रयोग करने से बचे.
Posted by Ashish Jha