पटना. बच्चों की बीमारियों की शुरुआती दौर में ही पहचान काम आसान हो जायेगा. इसके लिए राज्य के नौ जिलों में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीइआइसी) स्थापित किया जा रहा है. ये सभी जिले प्रमंडलीय मुख्यालय वाले हैं.
डीइआइसी पर बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल सेवाएं, डेंटल सेवाएं, किसी प्रकार के दिव्यांगता दूर करने के लिए ऑक्यूपेशनल एवं फिजियोथेरेपी की सेवाएं, मनोवैज्ञानिक सेवाएं, हकलाहट-तुतलाहट की पहचान के लिए ऑडियोलॉजी एवं स्पीचलैंग्वेज पैथोलॉजी के माध्यम से जांच व इलाज किया जायेगा. इसके साथ दृष्टि दोष लैब, पोषण लैब, साइको- सोशल एवं ट्रांसपोर्टेशन सेवाएं इन सेंटरों के माध्यम से दी जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भागलपुर, दरभंगा, गया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, पटना, सहरसा एवं सारण जिलेमें डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीइआइसी) स्थापित किया जा रहा है. वर्तमान में भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर एवं सहरसा जिलेमें डीइआइसी के भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है.
शेष पांच जिलों दरभंगा, मुंगेर, पूर्णिया, पटना और सारण में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है. विभाग जिन जिलों में डीइआइसी का भवन निर्माण कार्य पूरा हो चुका है वहां पर स्वास्थ्य कर्मी एवं पारा मेडिकल स्टाफ के बैठने और तैनाती की व्यवस्था की जा रही है. जिन जिलों में भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, उन जिलों के अधीनस्थ अस्पतालों में डीइआइसी के कर्मियों के बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. डीइआइसी के संचालन की जिम्मेदारी सभी क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई को सौंपी गयी है. इन सेंटरों पर दवाओं की उपलब्धता की जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिला स्वास्थ्य समिति को दी गयी है.