East Champaran: डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट बनाने का काम बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इस एप्प की ट्रेनिगं पूरे बिहार की आशा कार्यकर्ताओं को दी जाएगी. इसकी शुरुआत बिहार के पूर्वी चंपारण से हो गई है. पटना से आई टीम ने एम आशा एप का प्रशिक्षण जिला के आशा कार्यकर्ताओं को कराया. जिसमें एम आशा एप के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
आशा कार्यकर्ता अब एम-आशा एप के माध्यम से बीमारी सहित अन्य असुविधाओं को सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगी. ‘एम आशा एप’ से आशा गांव में होने वाली जन्म, मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एईएस, बुखार, डायरिया सभी प्रकार की बीमारी समेत अन्य गतिविधियों की भी जानकारी देंगी. गांव-गांव के सर्वे के बाद जो डेटा उपलब्ध होगा उसको आशा अपलोड करेंगी. इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को रजिस्टर में लिखने-पढ़ने की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी.
बिहार हेल्थ डिजिटालाइजेशन मुहिम के तहत पूर्वी चम्पारण जिले के 6 प्रखंडों में क्रमश: मोतिहारी, पीपराकोठी, तुरकौलिया, बंजरिया, सुगौली और पकड़ीदयाल के आशा फैसिलेटरों, बीसीएम को ‘एम आशा एप’ उपयोग करने हेतु प्रशिक्षण दिया गया. इसका एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि राज्य द्वारा जिला स्तर पर मॉनिटरिंग आसानी से की जा सकेगी.
सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली गर्भवती महिलाओं, जन्म-मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एईएस, बुखार, डायरिया सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों के अलावा अन्य गतिविधियों को इस डिजिटल एप से जोड़ा जाएगा.
50 आशा को दी गई ट्रेनिंग
सदर अस्पताल के जीएनएम कॉलेज के सभागार में 6 प्रखंडों की 50 आशा कार्यकर्ताओं को पटना से आये भव्या ट्रेनिंग मैनेजर दुर्गा शंकर सिंह, प्रेम सिंह, अभिनीत, सत्यम, विकास कुमार के सहयोग से प्रशिक्षण दी गई. दुर्गा शंकर सिंह ने बताया कि मंगलवार को पूर्वी चम्पारण जिले के ढाका अनुमण्डलीय अस्पताल में 4 प्रखंडों में क्रमश: ढाका, बनकटवा, चिरैया, घोड़ासहन के चयनित 50 आशा फैसिलिटेटर, बीसीएम का प्रशिक्षण कराया गया.