पटना. केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पूर्वी क्षेत्रीय समिति की बैठक के बाद राजकीय अतिथिशाला में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मीटिंग बहुत अच्छी रही. जितने भी मुद्दे थे, उस पर कोई न कोई निर्णय हुआ है. कुछ मुद्दों में कमेटी बनी है, कुछ मुद्दे डिजॉल्व हुए हैं. जहां तक जातिगत सर्वे का सवाल है. जातिगत सर्वे का निर्णय तभी किया गया, जब भाजपा बिहार सरकार में हिस्सेदारी थी. जब ये रिजोल्यूशन आया, तब बिहार में इसका समर्थन भी किया था. सर्वे होने के बाद जब रिपोर्ट आयी और कानून बना, तब भी भारतीय जनता पार्टी ने इसका समर्थन किया. सर्वानुमति से बिहार एसेंबली ने इसे पास किया है.
किसी भी जाति के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए
उन्होंने कहा कि जाति सर्वे में मुख्यत: मुसलमान और कुछ जाति विशेष को अधिक तवज्जो देकर छोटी-पिछड़ी जातियों को अन्याय करने का सवाल बार-बार उठ रहा है. कई सारे छोटी पिछड़ी जातियों के डेलिगेशन भाजपा के साथ ही राजद और जदयू के नेताओं से मिले. मेरा तो आग्रह होगा कि सारे उठे सवालों का तुरंत समाधान करना चाहिए. अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी जाति के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए. अपनी राजनीति के लिए किसी समुदाय या जाति को फायदा भी नहीं पहुंचाना चाहिए.
भ्रष्टाचार के मामले को जन-जन तक ले जायेगी भाजपा
कांग्रेस सांसद के ठिकानों से 300 करोड़ की नकदी बरामदगी होने के सवाल पर श्री शाह ने कहा कि मुझे तो बड़ा आश्चर्य है कि आजादी के बाद किसी भी दल के सांसद के घर से इतना कैश नहीं पकड़ा गया होगा. सैकड़ों करोड़ों रुपये का कैश सांसद के घर से मिलता है और पूरा इंडी एलायंस इस करप्शन पर मौन है. कांग्रेस का मौन तो समझ में आता है कि इनकी फितरत ही भ्रष्टाचार की है. परंतु तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, डीएमके, सपा सहित इनके सभी सहयोगी दल भी चुप बैठे हैं. अब मुझे समझ आ रहा है कि मोदी जी के खिलाफ जो प्रचार अभियान चला कि एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ, वो क्यों चलाया गया? क्योंकि इनके मन में डर था कि हमारे करप्शन के सारे कच्चे-चिट्ठे खुल जायेंगे.
कांग्रेस व उनके सहयोगी दलों को देना होगा जवाब
उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि इतने बड़े स्तर पर जो भ्रष्टाचार झारखंड जैसे गरीब राज्य में हो रहा है, वह आंख खोलने वाला है. उन्होंने कहा कि एजेंसियों के दुरूपयोग का प्रोपगैंडा करने वालों को भी उनके ही कृत्य से जवाब मिल गया है. इतना भारी करप्शन करने के बाद भी कोई एजेंसी काम न करे तो एजेंसी की क्षमता पर सवाल खड़ा होता है. मैं मानता हूं कि राहुल गांधी से लेकर सभी लोगों को इसका जवाब देना चाहिए. भाजपा इस मसले को जन-जन तक ले जायेगी और जागरूकता लाने का प्रयास करेगी. हमारी लड़ाई 2014 से भ्रष्टाचार के खिलाफ है. प्रधानमंत्री ने इस दिशा में ढेर सारे कदम उठाये हैं.