गोपालगंज. जम्मू-कश्मीर में काम करनेवाले गोपालगंज के प्रवासी मजदूरों पर तीन नवंबर को आतंकवादियों ने हमला कर दिया था. इसमें एक मजदूर गोली लगने से जख्मी, जबकि इन मजदूरों को बचाने में वहां तैनात नेपाली नागरिक तिल बहादुर थापा की मौत हो गयी थी. वारदात के बाद से इन सभी मजदूरों को स्थानीय प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में नजरबंद कर रखा था. परिजनों को वारदात के 12 दिनों बाद घटना की जानकारी हुई.
इधर, परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई, तो गोपालगंज के सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन को पूरी बात बतायी और सुरक्षित वापस बुलाने की गुहार लगायी. सांसद ने गृह विभाग में बात की और मामले में जम्मू-कश्मीर में फंसे मजदूरों को वापस घर बुलाने के लिए पत्र लिखा. इसके बाद सेना ने सभी मजदूरों को अनंतनाग जिले से बाहर निकाला और घर भेज दिया.
आतंकी हमले में भिखु उर्फ राजू राम को गोली लगी थी, जो सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पंचायत के मशानथाना गांव का रहनेवाला है. इनके साथ मशानथाना गांव के नगीना राम, धर्मेंद्र राम, सुनील राम, मुन्ना साह, हीरापाकड़ गांव के हरेंद्र मांझी, चौराव गांव निवासी सुरेंद्र राम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से घिरे हुए थे. घर लौटने पर प्रवासी मजदूरों ने राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है.
आतंकी हमले में जख्मी होने के बाद मौत के मुंंह से निकलकर घर लौटे प्रवासी मजदूरों से शनिवार को सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने पूरी घटना की जानकारी ली. सांसद ने एक-एक प्रवासी मजदूरों से घटना की जानकारी लेने के बाद कहा कि बिहार सरकार उनकी रोजगार और उन्हें काम देने के लिए लगातार काम कर रही है. अब इन प्रवासी मजदूरों को घर पर ही काम मिलेगा. इन्हें ऐसे जोन में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सांसद ने कहा कि जिला प्रशासन से बात कर इन प्रवासी मजदूरों को काम दिलाया जायेगा.
आतंकी हमले में गोली से जख्मी भिखु उर्फ राजू राम ने बताया कि अनंतनाग जिले के बोंडियालगाम स्थित निजी एसएपीएस स्कूल में काम करता था. आतंकियों ने अमानवीय कृत्य करते हुए भिखु को पहले बाहर बुलाया, फिर पिस्टल से उस पर फायरिंग कर दी. वहीं मजदूरों को बचाने में तिल बहादुर थापा जख्मी हो गया, जिसकी मौत हो गयी थी.