ECI: सोशल मीडिया जैसे कि व्हाट्सएप आदि पर इन दिनों पोस्टल बैलट (डाक मतपत्र) को लेकर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, जिसमे ये दावा किया जा रहा है कि इस बार पोस्टल बैलट मे चुनाव आयोग ने बैलट हीं गायब कर दिया है. और अब कोई भी सरकारी कर्मचारी पोस्टल बैलट के जरिए वोट नहीं डाल पाएगा. चुनाव आयोग (ECI) ने इस बात का संज्ञान देते हुए इसका खंडन किया है और ये विश्वास दिलाया है कि ड्यूटी पर तैनात कोई भी कर्मचारी निश्चिंत होकर पोस्टल बैलट के जरिए अपना वोट डाल सकता है.
बता दें कि इससे पहले भी पोस्टल बैलट को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ाई जा चुकी हैं. कुछ जनता के साथ साथ कई नेताओं ने भी पोस्टल बैलट को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कई चुनावों के नतीजों को लेकर पोस्टल बैलट की भूमिका को कतघरे मे खड़ा किया है.
ECI ने अपने ट्विटर हैन्डल पर लिखा है:
ग़लत दावा: व्हाट्सएप पर एक संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारी डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट नहीं डाल सकते।
हकीकत: संदेश भ्रामक और फर्जी है। चुनाव ड्यूटी पर तैनात योग्य अधिकारी निर्दिष्ट मतदाता सुविधा केंद्र पर डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाल सकते हैं
क्या है इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम
इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक साधनों से प्रेषित किया करता है. यह मतदाता को अपने वरीय स्थान जो उनके मूलरूप से आवंटित मतदान निर्वाचन क्षेत्र से बाहर स्थित होता है, से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त पोस्टल बैलट फॉर्म पर अपना वोट देने में समर्थ बनाता है. यह सिस्टम निर्वाचकों द्वारा मतदान करने का एक आसान विकल्प उपलब्ध करवाता है क्योंकि इस सिस्टम का उपयोग करके पोस्टल बैलट प्रेषित करने में समय की बाधा को दूर करने का प्रयास किया गया है.