पटना : प्रवर्तन निदेशालय की विशेष टीम ने हवाला से जुड़े दो कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसमें एक मुजफ्फरपुर का रहने वाला राजकुमार गोयनका और दूसरा कोलकाता का रहने वाला पंकज अग्रवाल शामिल है. इन्हें जल्द ही इडी रिमांड पर लेकर फिर से गहन पूछताछ करेगी. इनके पास से हवाला के जरिये 25 करोड़ रुपये से ज्यादा का खुलासा हो चुका है. हालांकि जांच पूरी होने के बाद इस रकम में बढ़ोतरी होने की संभावना है. राजकुमार को मुजफ्फरपुर तथा पंकज को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है. कोविड संक्रमण काल में ईडी ने व्यापक रूप से सर्च अभियान और पूरे मामले की व्यापक जांच करते हुए इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले इतने बड़े हवाला कारोबार का भंडाफोड़ होना कई तरह से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. फिलहाल ईडी इससे जुड़े लिंक की भी जांच कर रही है. इडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि इन्होंने करीब एक सौ सेल या फर्जी कंपनी खोल रखी थी. इसमें अधिकतर कंपनियां इन्होंने अपने नौकर, चपरासी, ड्राइवर समेत अन्य छोटे कर्मियों के नाम पर खोल रखी थी. इन कंपनियों में कई चैनलों से होते हुए पैसे आते थे. इसके माध्यम से ब्लैक मनी को व्हाईट करने के अलावा हवाला के धंधे में होने वाले लेन-देन में बड़े स्तर पर उपयोग होता था.
इससे पहले 2016 में नोटबंदी के दौरान भी राजकुमार गोयनका पर फर्जी कंपनियों के माध्यम से ब्लैक मनी को व्हाइट करने का मामला दर्ज हुआ था. उस समय आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई भी हुई थी. इस दौरान कोलकाता के पंकज अग्रवाल समेत कुछ अन्य लोगों का लिंक सामने आय़ा था. राजकुमार पर मुजफ्फरपुर के मीठनपुरा थाना में फर्जीवाड़ा का मामला भी दर्ज है. इसके बाद यह मामला इडी को ट्रांसफर हुआ. इडी की जांच में नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाईट करने का मामला सही पाया गया और उसके मुजफ्फरपुर के मीठनपुरा इलाके में मौजूद आलीशान घर समेत चल-अचल साढ़े करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गयी थी. इस वर्ष जून में यह कार्रवाई हुई थी. इस दौरान कई तरह के कागजात जब्त किये गये थे. इनकी गहन जांच के बाद हवाला से जुड़ा पूरे रैकेट का पता चला था. वहीं, पंकज अग्रवाल के कोलकाता स्थित घर और ऑफिस पर 18 सितंबर को गहन सर्च की गयी थी. इस दौरान भी हवाला के बिहार कनेक्शन से संबंधित कई कागजात मिले थे. सभी कागजातों की जांच के बाद इनकी गिरफ्तारी की गयी है. इस दौरान कोलकाता में इसकी दर्जनों सेल कंपनियों का भी खुलासा हुआ है.
ये लोग हवाला का कारोबार दो से ढाई प्रतिशत कमीशन पर करते थे. इसमें बड़े स्तर पर विदेशों से भी ब्लैक मनी का लेनदेन होता था. पैसे लेकर ये लोग पहले इसे कई फर्जी खातों में डालते थे. इसके बाद इन खातों का चेक संबंधित व्यक्ति को देते थे, इससे उसका पैसा एक नंबर का हो जाता था. अगर किसी को कैश या ब्लैक में पैसे चाहिए थे, तो उसे कैश भी दे देते थे. इसके लिए मुजफ्फरपुर और पटना में कुछ एक प्वाइंट बना रखा था. फिलहाल ईडी इनके रैकेट से जुड़े सभी बातों और लोगों की जांच करने में जुटी हुई है.
posted by ashish jha