Explainer Story: राजद सुप्रीमो लालू यादव के परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ इन दिनों जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही है. एकबार फिर से लालू परिवार की संपत्तियों को अटैच किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले की धनशोधन की जांच के तहत राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार की 6.02 करोड़ की छह अचल संपत्ति अटैच कर ली गयी. ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई की प्राथमिकी को आधार बनाकर ये कार्रवाई ईडी के द्वारा की गयी है.
लालू यादव का परिवार जांच एजेंसियों के रडार पर है. सोमवार को तीसरी बार ऐसा हुआ जब लालू यादव की संपत्ति को अटैच किया गया. सोमवार को उन संपत्तियों को अटैच किया गया जो पहले नहीं किया गया था. सोमवार को की गयी कार्रवाई में राबड़ी देवी के महुआबाग (दानापुर) स्थित दो भूखंड शामिल है. इनमें एक का स्वामित्व राबड़ी देवी के पास तो दूसरे का मालिकाना हक ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ के पास है और इसका मालिकाना हक लालू प्रसाद के परिवार के पास है. लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती की बिहटा में जमीन भी अटैच की गयी. लालू यादव की बेटी हेमा भारती के पति व ससुर के स्वामित्व वाली जमीन जो यूपी के साहिबाबाद में है उसे भी अटैच किया गया. जबकि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित डी-1088 को भी अटैच किया गया. ये मेसर्स एबी एक्सपोटर्स के नाम रजिस्टर्ड है. दानापुर में ‘ए के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड’ की महुआबाद दानापुर की संपत्ति को अटैच किया गया.
इडी ने इस कार्रवाई को लेकर बयान जारी करते हुए बताया कि पटना, गाजियाबाद के साहिबाबाद एक्सटेंशन में छह अचल संपत्तियों और दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में एक चार मंजिले बंगले को अटैच करने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया गया. बता दें कि ईडी ने लालू यादव की बेटियों को भी जांच के दायरे में लिया है. ईडी की ओर से सभी पर गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं जो घोटाले में इनकी मुसीबत को बढाए हुए है.
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ईडी की ओर से लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नियुक्त लोगों से 4 भूखंड मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड को बेच दिया. इन भूखंडों को अवैध तरीके से हासिल करने का आरोप है. जिस कंपनी को बेचा गया वे राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना से जुड़ी है. ईडी का आरोप है कि राबड़ी व हेमा ने इन प्रॉपर्टी को महज 7.5 लाख में खरीदा और 3.5 करोड़ में उसे बेच दिया. ये आमदनी दोनों ने एबी इनफोसिस्टम प्रा लि. के सहारे भागरीरथी ट्यूब्स को ट्रांसफर कर दिया.
दिल्ली के एक बंगले को लेकर भी लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का बंगला नंबर डी-1088, जिसे ईडी ने अटैच किया है. ईडी का कहना है कि ये एक स्वतंत्र चार मंजिला बंगला है. इसका रजिस्ट्रेशन एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर था. बताया गया कि इस बंगले को 2011 में खरीदा गया और महज 4 लाख रूपए में ही इसकी खरीद कर ली गयी. बता दें कि ईडी ने इस मामले में पिछले दिनों बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मीसा भारती, चंदा यादव व रागिनी यादव का बयान दर्ज कराया था.
लालू यादव वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहे थे. इस दौरान कथित रूप से ग्रुप डी में नौकरी के बदले लोगों की जमीन अपने परिवार के नाम पर ट्रांसफर कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने 10 अक्टूबर 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. इस मामले में 15 लोगों को आरोपित बनाया गया. चार्जशीट के मुताबिक, पटना के महुआबाद निवासी एक परिवार के कुछ सदस्यों को नौकरी के बदले राबड़ी देवी के नाम पर जमीन ट्रांसफर करने का आरोप है.
सीबीआई ने 3 जुलाई को लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. लालू परिवार के खिलाफ ये चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया गया था. जब ये कथित घोटाला हुआ तब यूपीए की सरकार केंद्र में थी. उस दौरान लालू यादव रेल मंत्री थे.
कुछ महीने पहले ईडी ने राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, चंदा यादव और रागिनी यादव समेत कई अन्य का बयान दर्ज कराया था. 18 मई 2022 को लालू व राबड़ी समेत 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 15 मार्च को लालू परिवार के सदस्य व अन्य आरोपितों की अदालत में पेशी हुई थी. इस दौरान सभी को जमानत दे दी गयी थी. सीबीआई ने भोला यादव को इस मामले में गिरफ्तार भी किया था जो तत्कालिन रेल मंत्री के ओएसडी थे. वहीं अब पिछले महीने तेजस्वी यादव का नाम भी चार्जशीट में जोड़ा गया है.